भगवान का नाम किस तरह से लिया जाए?

वैसे तो भगवान का नाम किसी भी प्रकार लिया जाए तो वह मंगल ही करता है। भगवान का नाम लेने में कोई भी विधि समय या स्थान का बंधन नहीं है। भगवान का नाम कभी भी कैसे भी कहीं पर भी लिया जाए तो वह मंगलकारी ही होता है।

परंतु अगर हम भगवान के नाम का पूरा रस लेना चाहते हैं और इसका उच्चतम फल चाहते हैं तो हमें भगवान का नाम भगवान के हो कर लेना चाहिए। भगवान की वह कर भगवान का नाम लेने का अर्थ यह है की हम भगवान को अपना माने और पूरे अपनेपन से उनका नाम लें। अपनेपन के लिए यदि आप चाहें तो भगवान से कुछ ना कुछ संबंध बना सकते हैं जैसे आप उन्हें पिता, मित्र, स्वामी, प्रियतम अथवा अपना सब कुछ मान सकते हैं।

जितना अधिक अपनापन होगा, प्रेम होगा और एकमात्र भगवान की ही शरणागति और सहारा होगा उतनी ही जल्दी नाम अपना सर्वोत्तम प्रभात दिखाएगा।