क्या हो तो जानना चाहिए कि भगवान विशेष कृपा बरसाने को त्यार हैं?

भगवान के दरबार की सबसे ऊंची चीज है सत्संग। जीवन मुक्त महापुरुष भी सत्संग चाहते हैं। भगवान शंकर भी सत्संग चाहते हैं । सत्संग अपने पुरुषार्थ से, अपनी चतुराई से, अपनी योग्यता से नहीं मिलता। जब भगवान द्रवित होते हैं कृपा करते हैं तब साधक को सत्संग मिलता है इसलिए सत्संग मिले तो जानना चाहिए कि भगवान ने विशेष कृपा की है । इस कृपा का लाभ उठाकर अब हमारे पास अपने जीवन को सफल करने का अवसर है। अब इसका पूरा लाभ लेना है। जय श्री राधे।