वैष्णव जन तो तेने कहिये,जे पीड परायी जाणे रे Lyrics
वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड परायी जाणे रे ।पर दुःखे उपकार करे तो ये, मन अभिमान न आणे रे ॥ सकल लोकमां सहुने […]
Read moreRas of Braj / Vrindavan
वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड परायी जाणे रे ।पर दुःखे उपकार करे तो ये, मन अभिमान न आणे रे ॥ सकल लोकमां सहुने […]
Read moreआचार्य कृपाशंकरजीके श्रीमुखसे सुनी गयी एक भावपूर्ण कथाका उल्लेख किया जा रहा है, इस कथाका सन्दर्भ उन्होंने कृत्तिवासकी बँगला रामायण बताया था मेघनाद वधका दारुण […]
Read moreकाम्पिल्य नगरमै ब्रह्मदत्त नामका राजा राज करता ।। उसके महलमें पूजनी नामक सर्वज्ञ, सम्पूर्ण तत्त्वोंको जाननेवाली तथा नीतिशास्त्रकी ज्ञाता एक चिड़िया रहती एक बार पूजनी […]
Read moreलंकाके निरंकुश शासक रावणको मारकर उसके धर्मनिष्ठ भाई विभीषणको राजपदपर अभिषिक्त करके महाराज श्रीराम अयोध्या लौट आये और न्यायपूर्वक प्रजापालन करने लगे। कुछ समय बाद […]
Read moreश्रीनरहरिदेवका जन्म बुन्देलखण्ड के गूढो नामक गाँवमें संवत् १६४० वि०मे हुआ था। उनके पिताका नाम विष्णुदास और माताका उत्तमा था । उनके जीवन में बचपन […]
Read moreएक सेवा है और दूसरी परम सेवा। दूसरेके हितके लिये भोजन-वस्त्र देना, शरीरको आराम पहुँचाना, सांसारिक सुखके लिये तन-मन-धन अर्पण करना सेवा है। परम सेवा […]
Read moreतुम्हारे पास जो कुछ है, सब भगवान् का है ओर भगवान् की सेवा के लिये ही है । उसे अपना मानकर उसका केवल अपने भोग […]
Read moreतुम्हारे पास जो कुछ है, सब भगवान् का है ओर भगवान् की सेवा के लिये ही है । उसे अपना मानकर उसका केवल अपने भोग […]
Read moreजामा बन्यो जरीतार को सुन्दर, लाल हैं बन्द और जर्द किनारी ।झालरदार बन्यो पटुका, मोतिन की छबि लागत प्यारी ॥जैसी ये चाल चलैं ब्रजराज, अहो […]
Read moreअंग ही अंग जड़ाऊ जड़े, अरु सीस बनी पगिया जरतारी ।मोतिन माल हिये लटकै, लटुबा लटकै लट घूँघर वारी ॥पूरब पुन्य तें ‘रसखानि’ ये माधुरी […]
Read moreजै जै मचों ब्रज में चहूँ ओर, ते बोल रहे नर नारी जौ जै जै ।जै जै कहें सब देब विमानन, ब्रह्मा त्रिलोचन बोलत जै […]
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