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सुलेमानका न्याय  [शिक्षदायक कहानी]
आध्यात्मिक कथा - आध्यात्मिक कथा (हिन्दी कहानी)

इजरायलके इतिहासमें बादशाह सुलेमानका नाम अमर है। वह बड़ा न्यायी और उदार था। उसके राज्यमें प्रजा बहुत सुखी थी।

एक दिन सुलेमान अपने न्यायसिंहासनपर विराजमान था कि दो महिलाएँ आ पहुँचीं। उनमेंसे एक बहुत उदास थी और उसके नेत्रोंसे अब झर रहे थे। दूसरी बड़ी निर्मम और दुराग्रही थी उसकी गोदमें एक छोटा सा नवजात शिशु रो रहा था। राजसभाके सदस्य उन दोनोंको देखकर विस्मित थे।

'मेरी बात सच है। इस महिलाने मेरा बच्चा छीन लिया है। कल रातमें इसने करवट ली और इसका नवजात शिशु दब जानेके कारण मर गया। इसने मृत शिशुको धोखेसे मेरे पलंगपर रख दिया और यह मेरा 'बच्चा उठा ले गयी। पहली स्त्रीने बादशाहसे न्याय याचना की।

"नहीं, यह झूठ कह रही है। यह मेरा बच्चा लेना चाहती है। मैं अपने प्राणप्यारे लालको नहीं दे सकती।' दूसरी स्त्रीने प्रतिवाद किया।'तुम दोनों ही अपने-अपने भावके अनुसार ठीक कहती हो। मैं यह नहीं जानता कि तुम दोनोंमेंसे कौन | इसकी माँ है; पर न्याय कोमल और कठोर दोनों होता है। इस बच्चेका अधिकार तुम दोनोंको है। ऐसी स्थिति में इसके दो टुकड़े कर दिये जायँ और एक-एक तुम दोनोंको दे दिया जाय।' सुलेमानने न्यायकी घोषणा की। दूसरी महिला अपनी जगहपर कठोरता और निर्ममताकी सजीव मूर्ति-सी खड़ी थी।

'मैं ऐसा नहीं होने दूँगी। आप इस बच्चेके दो टुकड़े न करें। मेरा हृदय फटता जा रहा है। मुझे आपका न्याय नहीं चाहिये।' पहली महिलाकी ममता जाग उठी। वह न्यायालयसे बाहर जानेवाली ही थी कि बादशाह बोल उठा – 'ठहरो।' और वह रुक गयी। 'तुम सच कहती हो। इस बालककी माता तुम्हीं हो। तुम्हारी ममताने न्यायकी आँख खोल दी।' सुलेमानने पहिली महिलाके प्रति आदर प्रकट किया। उसे बच्चा मिल गया और दूसरीके मुखपर कालिमा छा गयी।

- रा0 श्री0



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sulemaanaka nyaaya

ijaraayalake itihaasamen baadashaah sulemaanaka naam amar hai. vah bada़a nyaayee aur udaar thaa. usake raajyamen praja bahut sukhee thee.

ek din sulemaan apane nyaayasinhaasanapar viraajamaan tha ki do mahilaaen a pahuncheen. unamense ek bahut udaas thee aur usake netronse ab jhar rahe the. doosaree bada़ee nirmam aur duraagrahee thee usakee godamen ek chhota sa navajaat shishu ro raha thaa. raajasabhaake sadasy un dononko dekhakar vismit the.

'meree baat sach hai. is mahilaane mera bachcha chheen liya hai. kal raatamen isane karavat lee aur isaka navajaat shishu dab jaaneke kaaran mar gayaa. isane mrit shishuko dhokhese mere palangapar rakh diya aur yah mera 'bachcha utha le gayee. pahalee streene baadashaahase nyaay yaachana kee.

"naheen, yah jhooth kah rahee hai. yah mera bachcha lena chaahatee hai. main apane praanapyaare laalako naheen de sakatee.' doosaree streene prativaad kiyaa.'tum donon hee apane-apane bhaavake anusaar theek kahatee ho. main yah naheen jaanata ki tum dononmense kaun | isakee maan hai; par nyaay komal aur kathor donon hota hai. is bachcheka adhikaar tum dononko hai. aisee sthiti men isake do tukada़e kar diye jaayan aur eka-ek tum dononko de diya jaaya.' sulemaanane nyaayakee ghoshana kee. doosaree mahila apanee jagahapar kathorata aur nirmamataakee sajeev moorti-see khada़ee thee.

'main aisa naheen hone doongee. aap is bachcheke do tukada़e n karen. mera hriday phatata ja raha hai. mujhe aapaka nyaay naheen chaahiye.' pahalee mahilaakee mamata jaag uthee. vah nyaayaalayase baahar jaanevaalee hee thee ki baadashaah bol utha – 'thaharo.' aur vah ruk gayee. 'tum sach kahatee ho. is baalakakee maata tumheen ho. tumhaaree mamataane nyaayakee aankh khol dee.' sulemaanane pahilee mahilaake prati aadar prakat kiyaa. use bachcha mil gaya aur doosareeke mukhapar kaalima chha gayee.

- raa0 shree0

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