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वकील भी सच्चे हो सकते हैं  [Wisdom Story]
बोध कथा - शिक्षदायक कहानी (Short Story)

वकील भी सच्चे हो सकते हैं

लोग कहते हैं कि वकीलका पेशा ही झूठका पेशा है। 'घोड़ा घाससे यारी करेगा तो खायेगा क्या ?' वकील झूठ न बोलेगा तो कमायेगा क्या? बात ऐसी नहीं है। वकील भी सच्चे हो सकते हैं, अच्छे हो सकते हैं। गाँधीजी, मोहनदास करमचन्द गाँधी ऐसे ही वकील थे। दादा मावलंकर, गणेश वासुदेव मावलंकर ऐसे ही वकील थे। जाजूजी, श्रीकृष्णदास जाजू ऐसे ही वकील थे। ये लोग हमेशा सच्चे ही मुकदमे लेते। यदि बीचमें कहीं पता चल जाता कि मुकदमा झूठा है तो वहीं उसे छोड़ देते। साथ ही इस बातकी कोशिश करते कि लड़नेवाले पक्ष जहाँतक हो, लड़ें नहीं। आपसमें मिल जायँ
सच्चा और अच्छा वकील ऐसा ही करता है।
X X X
गाँधीजीको अफ्रीकामें एक मुकदमा मिला। लाखोंकी सम्पत्तिका मामला था। मुकदमा चलानेवाला पक्ष जीत गया। तभी गाँधीजीको पता चला कि इसमें हिसाब किताबकी कुछ गड़बड़ी है। उन्होंने कहा कि मैं इसे जाहिर कर दूँगा, फिर फैसला कुछ भी हो।
उनका बड़ा वकील गुर्राया-'तब मैं इसमें वकालत न करूँगा।'
'ठीक है। आप मत करिये। मैं करूँगा।' गाँधीजीने कहा। जजको गाँधीजीने सारी बातें विस्तारसे समझायीं। वह मान गया। फैसला विपक्षमें दे दिया। सत्यकी विजय हुई।
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दादा मावलंकरने वकालत शुरू की थी, तभी बेदखलीके कुछ मुकदमे उन्हें मिलने लगे। एक डिप्टी कलेक्टर उनका मित्र था। वही सुननेवाला था उन बेदखलीके मुकदमोंको। मावलंकर ताड़ गये कि ये मुकदमे लेकर लोग इसलिये मेरे पास आये हैं कि अफसर मेरा मित्र है।
उन्होंने इन लोगोंसे पूछा - 'इस अफसरसे मेरी दोस्ती है, इसलिये आप मेरे पास मुकदमा लाये हैं कि आपके पक्षमें फैसला करा दूँगा ?'
वे बोले-'नहीं-नहीं, ऐसीं बात नहीं। हम तो आपका नाम और आपकी तारीफ सुनकर आये हैं।'
'ठीक है। तब आप घर जाइये और चैनसे आराम करिये। यदि आपको जँचे तो कल मेरे पास आइये। शर्त यही है कि आपको वकीलके नाते मेरी योग्यतापर भरोसा हो, न कि अफसरकी दोस्तीका।'
दूसरे दिन तीस आदमियोंमें सिर्फ एक आदमी अपने मुकदमेके कागज लेकर उनके पास आया।
मावलंकर चाहते तो तीसों मुवक्किलोंको कहकर उनके मुकदमे ले सकते थे। पर सत्यका कोई पुजारी ऐसा कर कैसे सकता है? [ श्रीकृष्णदत्तजी भट्ट ]



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vakeel bhee sachche ho sakate hain

vakeel bhee sachche ho sakate hain

log kahate hain ki vakeelaka pesha hee jhoothaka pesha hai. 'ghoda़a ghaasase yaaree karega to khaayega kya ?' vakeel jhooth n bolega to kamaayega kyaa? baat aisee naheen hai. vakeel bhee sachche ho sakate hain, achchhe ho sakate hain. gaandheejee, mohanadaas karamachand gaandhee aise hee vakeel the. daada maavalankar, ganesh vaasudev maavalankar aise hee vakeel the. jaajoojee, shreekrishnadaas jaajoo aise hee vakeel the. ye log hamesha sachche hee mukadame lete. yadi beechamen kaheen pata chal jaata ki mukadama jhootha hai to vaheen use chhoda़ dete. saath hee is baatakee koshish karate ki lada़nevaale paksh jahaantak ho, lada़en naheen. aapasamen mil jaayan
sachcha aur achchha vakeel aisa hee karata hai.
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gaandheejeeko aphreekaamen ek mukadama milaa. laakhonkee sampattika maamala thaa. mukadama chalaanevaala paksh jeet gayaa. tabhee gaandheejeeko pata chala ki isamen hisaab kitaabakee kuchh gada़bada़ee hai. unhonne kaha ki main ise jaahir kar doonga, phir phaisala kuchh bhee ho.
unaka bada़a vakeel gurraayaa-'tab main isamen vakaalat n karoongaa.'
'theek hai. aap mat kariye. main karoongaa.' gaandheejeene kahaa. jajako gaandheejeene saaree baaten vistaarase samajhaayeen. vah maan gayaa. phaisala vipakshamen de diyaa. satyakee vijay huee.
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daada maavalankarane vakaalat shuroo kee thee, tabhee bedakhaleeke kuchh mukadame unhen milane lage. ek diptee kalektar unaka mitr thaa. vahee sunanevaala tha un bedakhaleeke mukadamonko. maavalankar taada़ gaye ki ye mukadame lekar log isaliye mere paas aaye hain ki aphasar mera mitr hai.
unhonne in logonse poochha - 'is aphasarase meree dostee hai, isaliye aap mere paas mukadama laaye hain ki aapake pakshamen phaisala kara doonga ?'
ve bole-'naheen-naheen, aiseen baat naheen. ham to aapaka naam aur aapakee taareeph sunakar aaye hain.'
'theek hai. tab aap ghar jaaiye aur chainase aaraam kariye. yadi aapako janche to kal mere paas aaiye. shart yahee hai ki aapako vakeelake naate meree yogyataapar bharosa ho, n ki aphasarakee dosteekaa.'
doosare din tees aadamiyonmen sirph ek aadamee apane mukadameke kaagaj lekar unake paas aayaa.
maavalankar chaahate to teeson muvakkilonko kahakar unake mukadame le sakate the. par satyaka koee pujaaree aisa kar kaise sakata hai? [ shreekrishnadattajee bhatt ]

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