बात त्रेतायुग – श्रीरामके समयकी है। सुतीक्ष्ण ऋषिके आश्रम में बहुत-से ऋषि एक समूहमें साथ रहते थे। उस समय रावणके सैनिकोंद्वारा आतंक फैलाया जा रहा […]
Read moreAuthor: braj
जब एक बार मंदोदरी सीता जी का अहित करने अशोक वाटिका पहुंची तो क्या उन्होंने सीता जी को श्राप दे दिया? [मार्मिक प्रसंग]
आचार्य कृपाशंकरजीके श्रीमुखसे सुनी गयी एक भावपूर्ण कथाका उल्लेख किया जा रहा है, इस कथाका सन्दर्भ उन्होंने कृत्तिवासकी बँगला रामायण बताया था मेघनाद वधका दारुण […]
Read moreशत्रुता और मित्रता साथ-साथ नहीं रह सकती : नीति और समझदारी सीखने वाली कहानी
काम्पिल्य नगरमै ब्रह्मदत्त नामका राजा राज करता ।। उसके महलमें पूजनी नामक सर्वज्ञ, सम्पूर्ण तत्त्वोंको जाननेवाली तथा नीतिशास्त्रकी ज्ञाता एक चिड़िया रहती एक बार पूजनी […]
Read moreक्या हुआ जब विभीषण जी से अपराध हो गया? क्या श्री राम ने उन्हें मृत्यु दण्ड दिया?
लंकाके निरंकुश शासक रावणको मारकर उसके धर्मनिष्ठ भाई विभीषणको राजपदपर अभिषिक्त करके महाराज श्रीराम अयोध्या लौट आये और न्यायपूर्वक प्रजापालन करने लगे। कुछ समय बाद […]
Read moreभक्त श्रीनरहरिदेवजी
श्रीनरहरिदेवका जन्म बुन्देलखण्ड के गूढो नामक गाँवमें संवत् १६४० वि०मे हुआ था। उनके पिताका नाम विष्णुदास और माताका उत्तमा था । उनके जीवन में बचपन […]
Read moreसेवा Vs परमसेवा
एक सेवा है और दूसरी परम सेवा। दूसरेके हितके लिये भोजन-वस्त्र देना, शरीरको आराम पहुँचाना, सांसारिक सुखके लिये तन-मन-धन अर्पण करना सेवा है। परम सेवा […]
Read moreसेवा का सच्चा सवरूप
तुम्हारे पास जो कुछ है, सब भगवान् का है ओर भगवान् की सेवा के लिये ही है । उसे अपना मानकर उसका केवल अपने भोग […]
Read moreप्राप्त वस्तु का सदुपयोग
तुम्हारे पास जो कुछ है, सब भगवान् का है ओर भगवान् की सेवा के लिये ही है । उसे अपना मानकर उसका केवल अपने भोग […]
Read moreजामा बन्यो जरीतार को सुन्दर, लाल हैं बन्द और जर्द किनारी
जामा बन्यो जरीतार को सुन्दर, लाल हैं बन्द और जर्द किनारी ।झालरदार बन्यो पटुका, मोतिन की छबि लागत प्यारी ॥जैसी ये चाल चलैं ब्रजराज, अहो […]
Read moreअंग ही अंग जड़ाऊ जड़े, अरु सीस बनी पगिया जरतारी
अंग ही अंग जड़ाऊ जड़े, अरु सीस बनी पगिया जरतारी ।मोतिन माल हिये लटकै, लटुबा लटकै लट घूँघर वारी ॥पूरब पुन्य तें ‘रसखानि’ ये माधुरी […]
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