⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

दरिद्र कौन है  [Spiritual Story]
हिन्दी कथा - प्रेरक कथा (प्रेरक कहानी)

एक बारकी बात है। एक संतके पास एक धनवान्ने रुपयोंकी थैली खोलकर उसे स्वीकार करनेकी प्रार्थना की। संतने उत्तर दिया 'अत्यन्त निर्धन और दरिद्रका धन मैं स्वीकार नहीं करता।'

'पर मैं तो धनवान् हूँ। लाखों रुपये मेरे पास हैं। ' मुदितमन धनवान्ने उत्तर दिया।'धनकी और कामना तुम्हें है या नहीं ?' संतने प्रश्न किया। 'अवश्य है।' धनवान्ने संतके सम्मुख मिथ्याभाषण नहीं किया।

'जिन्हें धनकी कामना है, उन्हें रात-दिन धन संचयकी चिन्ता रहती है। धनके लिये नाना प्रकारके अपकर्म करने पड़ते हैं। उनके जैसा कोई दरिद्र नहीं।' धनवान् धनसहित वापस लौट गया। – शि0 दु0



You may also like these:

हिन्दी कहानी अद्भुत क्षमा
हिन्दी कहानी अम्बादासका कल्याण
हिन्दी कहानी आदर्श बी0 ए0 बहू
हिन्दी कहानी उपासनाका फल
हिन्दी कहानी कामासक्तिमे विनाश
हिन्दी कहानी क्षणिक जीवन
हिन्दी कहानी डाकू से महात्मा


daridr kaun hai

ek baarakee baat hai. ek santake paas ek dhanavaanne rupayonkee thailee kholakar use sveekaar karanekee praarthana kee. santane uttar diya 'atyant nirdhan aur daridraka dhan main sveekaar naheen karataa.'

'par main to dhanavaan hoon. laakhon rupaye mere paas hain. ' muditaman dhanavaanne uttar diyaa.'dhanakee aur kaamana tumhen hai ya naheen ?' santane prashn kiyaa. 'avashy hai.' dhanavaanne santake sammukh mithyaabhaashan naheen kiyaa.

'jinhen dhanakee kaamana hai, unhen raata-din dhan sanchayakee chinta rahatee hai. dhanake liye naana prakaarake apakarm karane pada़te hain. unake jaisa koee daridr naheen.' dhanavaan dhanasahit vaapas laut gayaa. – shi0 du0

217 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome PainKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti



Bhajan Lyrics View All

मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा

New Bhajan Lyrics View All

कहां बेकसों का रहा ये ज़माना,
चले आओ कान्हा,                
मेरे प्राणों से प्यारे राम,
तुम्हारा करते हम गुणगान,
आए पैगंबर पूर्बो,
आए पैगंबर पूर्बो,
थांसु विनती करा हां बारंबार, सुनो जी
खाटु का राजा मेहर करो॥
शिव गौरां के, राज दुलारे
मुंह माँगा, फ़ल पाईऐ,