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श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है,
हारी हुई बाज़ी भी वो प्राणी जीत जाता है...

श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है,
हारी हुई बाज़ी भी वो प्राणी जीत जाता है...


जो आ गया सांवरे की शरण में,
हारा कभी  ना वो जीवन के रण में,
पग पग पे वो जीत ही पाता है,
श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है,
हारी हुई बाज़ी भी वो प्राणी जीत जाता है...

है जिसके संग तीन बाणो का धारी,
उसका बिगाड़ेगा क्या दुनिया सारी,
जिसका मेरे श्याम से नाता है,
श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है,
हारी हुई बाज़ी भी वो प्राणी जीत जाता है...

हाँ ये अदालत सबसे बड़ी है,
दुनिया यहाँ सर झुकाये खड़ी है,
संदीप सबको ये समझाता है,
श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है,
हारी हुई बाज़ी भी वो प्राणी जीत जाता है...

श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है,
हारी हुई बाज़ी भी वो प्राणी जीत जाता है...




shyaam ki adaalat me arzi jo lagaata hai,
haari hui baazi bhi vo praani jeet jaata hai...

shyaam ki adaalat me arzi jo lagaata hai,
haari hui baazi bhi vo praani jeet jaata hai...


jo a gaya saanvare ki sharan me,
haara kbhi  na vo jeevan ke ran me,
pag pag pe vo jeet hi paata hai,
shyaam ki adaalat me arzi jo lagaata hai,
haari hui baazi bhi vo praani jeet jaata hai...

hai jisake sang teen baano ka dhaari,
usaka bigaadega kya duniya saari,
jisaka mere shyaam se naata hai,
shyaam ki adaalat me arzi jo lagaata hai,
haari hui baazi bhi vo praani jeet jaata hai...

haan ye adaalat sabase badi hai,
duniya yahaan sar jhukaaye khadi hai,
sandeep sabako ye samjhaata hai,
shyaam ki adaalat me arzi jo lagaata hai,
haari hui baazi bhi vo praani jeet jaata hai...

shyaam ki adaalat me arzi jo lagaata hai,
haari hui baazi bhi vo praani jeet jaata hai...




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