⮪ All भगवान की कृपा Experiences

हनुमानबाहुकसे रोगनिवृत्ति

यह घटना करीब १० वर्ष पुरानी है। मेरा सबसे छोटा भाई, जो लगभग डेढ़ वर्षका था, पन्द्रह दिनोंसे बीमार था। उसे मुँहमें छाले आ गये एवं होंठपर सफेद रंगके दो बड़े-बड़े फोड़े भी हो गये थे। बहुत दवा करायी, पर कुछ लाभ नहीं हुआ। ज्यों-ज्यों दवा की, रोग बढ़ता गया। तेरहवें दिन एक एलोपैथिक डाक्टरको दिखाया। डॉक्टर साहबने देखकर कहा कि इसे डिप्थीरिया हो गया है। इस बीमारीमें श्वासनलीके ऊपरी भागमें छाले पड़ जाते हैं, जो बढ़ते-बढ़ते कण्ठको अवरुद्धकर श्वास बन्द कर देते हैं और रोगीकी मृत्यु हो जाती है। इस भयंकर बीमारीके विषयमें कभी सुनातक नहीं था, इसलिये हम सब बहुत घबरा गये। डॉक्टरने कहा कि इसे पास के सरकारी अस्पतालमें भर्ती करा दें, पर अस्पतालमें उचित प्रबन्ध न होनेके कारण हमलोगोंने घरपर रखकर ही दवा कराना उचित समझा। प्रभुपर विश्वास रखकर चिकित्सा आरम्भ की गयी। उस दिन कुछ लाभ नहीं दीख पड़ा और अगले दिन हालत और भी अधिक खराब हो गयी। कई बार इन्जेक्शन भी दिये गये, पर श्वासमार्गअवरुद्ध ही होता गया। श्वास लेनेमें अत्यधिक कठिनाई होनेसे वह बहुत बेचैन था। साथ-ही-साथ तेज ज्वर एवं खाँसी भी थी । श्वासमार्गमें घाव होनेके कारण वह खुलकर खाँस भी न पाता था और भीतर ही भीतर व्याकुल हो रहा था। उसकी व्याकुलता एवं दुःखको देखकर क्षणभरके लिये पत्थर सदृश हृदयवाला भी द्रवित हुए बिना नहीं रह सकता था। हमलोग अब तबकी प्रतीक्षामें थे और श्रीभगवान् से प्रार्थना कर रहे थे कि इसे कष्टसे छुटकारा मिल जाय। किसीको भी आशा न थी कि वह बच सकेगा। उसकी मृत्यु निकट जानकर हमलोगोंने उसके लिये कुछ आध्यात्मिक उपाय करना उचित समझा। मेरे दूसरे छोटे भाईने उसको श्रीतुलसीकृत 'हनुमानबाहुक 'का पाठ सुनाना आरम्भ किया। अद्भुत चमत्कार हुआ! बच्चेको नींद आने लगी। हमलोगोंकी जान में जान आयी। उस समयसे ही धीरे-धीरे उसके स्वास्थ्यमें सुधार होता गया, श्वास लेनेमें कठिनाई भी अब नहीं थी और वह कुछ ही समयमें पूर्ण स्वस्थ हो गया।

[ श्रीसत्यनारायणप्रसादजी ]



You may also like these:

Real Life Experience साधु-दम्पती


hanumaanabaahukase roganivritti

yah ghatana kareeb 10 varsh puraanee hai. mera sabase chhota bhaaee, jo lagabhag dedha़ varshaka tha, pandrah dinonse beemaar thaa. use munhamen chhaale a gaye evan honthapar saphed rangake do bada़e-bada़e phoda़e bhee ho gaye the. bahut dava karaayee, par kuchh laabh naheen huaa. jyon-jyon dava kee, rog badha़ta gayaa. terahaven din ek elopaithik daaktarako dikhaayaa. daॉktar saahabane dekhakar kaha ki ise diptheeriya ho gaya hai. is beemaareemen shvaasanaleeke ooparee bhaagamen chhaale pada़ jaate hain, jo badha़te-badha़te kanthako avaruddhakar shvaas band kar dete hain aur rogeekee mrityu ho jaatee hai. is bhayankar beemaareeke vishayamen kabhee sunaatak naheen tha, isaliye ham sab bahut ghabara gaye. daॉktarane kaha ki ise paas ke sarakaaree aspataalamen bhartee kara den, par aspataalamen uchit prabandh n honeke kaaran hamalogonne gharapar rakhakar hee dava karaana uchit samajhaa. prabhupar vishvaas rakhakar chikitsa aarambh kee gayee. us din kuchh laabh naheen deekh pada़a aur agale din haalat aur bhee adhik kharaab ho gayee. kaee baar injekshan bhee diye gaye, par shvaasamaargaavaruddh hee hota gayaa. shvaas lenemen atyadhik kathinaaee honese vah bahut bechain thaa. saatha-hee-saath tej jvar evan khaansee bhee thee . shvaasamaargamen ghaav honeke kaaran vah khulakar khaans bhee n paata tha aur bheetar hee bheetar vyaakul ho raha thaa. usakee vyaakulata evan duhkhako dekhakar kshanabharake liye patthar sadrish hridayavaala bhee dravit hue bina naheen rah sakata thaa. hamalog ab tabakee prateekshaamen the aur shreebhagavaan se praarthana kar rahe the ki ise kashtase chhutakaara mil jaaya. kiseeko bhee aasha n thee ki vah bach sakegaa. usakee mrityu nikat jaanakar hamalogonne usake liye kuchh aadhyaatmik upaay karana uchit samajhaa. mere doosare chhote bhaaeene usako shreetulaseekrit 'hanumaanabaahuk 'ka paath sunaana aarambh kiyaa. adbhut chamatkaar huaa! bachcheko neend aane lagee. hamalogonkee jaan men jaan aayee. us samayase hee dheere-dheere usake svaasthyamen sudhaar hota gaya, shvaas lenemen kathinaaee bhee ab naheen thee aur vah kuchh hee samayamen poorn svasth ho gayaa.

[ shreesatyanaaraayanaprasaadajee ]

55 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna BhaktiThe Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love



Bhajan Lyrics View All

वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।

New Bhajan Lyrics View All

ये मोरछड़ी लहरा दो,
मेरे सारे कष्ट मिटा दो,
मेरी मटकी पर नजर मत डारे रसिया,
रसिया मत डारे रसिया मत डारे रसिया,
मोहन मेरा मुरली वाला
मैंने हरी से प्यार किया...
चली चली हो शिव की बारात चली रे,
गौरा मैया से होने मुलाकात चली रे,
बिछड़े कभी ना हम, मेरे श्याम तुमसे,
जी ना सकूंगा मैं, सुन लो कसम से,