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श्रीशान्तिदेवी की मार्मिक कथा
श्रीशान्तिदेवी की अधबुत कहानी - Full Story of श्रीशान्तिदेवी (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [श्रीशान्तिदेवी]- भक्तमाल


कुछ ही दिनों पहलेकी बात है, श्रीशान्तिदेवीकी विलक्षण और चमत्कारपूर्ण भगवद्भक्तिकी पवित्र कथा सुधाके प्रभावने लोगोंको आश्चर्यचकित कर दिया। श्री शान्तिदेवीका जीवन पूर्ण संयमित, तपोमय और साधन सम्पन्न था। उनके पैदा होते ही माता-पिता चल बसे। उनके पालन-पोषणका भार उनके भाई और भाभीके कन्धों पर आ पड़ा। एक सन्तान होते ही उन दोनोंने भी उनकी उपेक्षा कर दी। उनके यातनामय जीवनका आरम्भ हुआ। भाभी कड़ी से कड़ी ताड़ना देने लगी, पर शान्तिने सहिष्णुता और विनम्रताका परिचय दिया।

एक दूरके ग्राममें उनका विवाह कर दिया गया। ससुरालमें पति, सास और ससुर ही थे; इन तीनोंमें सासकी ही चलती थी। उसका स्वभाव बड़ा रूखा और कर्कश था । शान्तिको भी अनेक प्रकारसे सताते रहनेमें ही उसे आनन्द मिलता था। घरके सारे काम-काज उन्हींको करने पड़ते थे। उन्होंने ससुरालवालोंको सदा प्रसन्न रखनेकी चेष्टा की। वे एक समय ग्रीष्म ऋतुमें दोपहरके समय छतपर खड़ी अस्त-व्यस्त-सी होकर कुछ सोच रही थीं कि एकाएक उन्होंने एक दिव्य ज्योतिदेखी; उसके दर्शनसे वे आश्वस्त हुई। उनमें उसी दिनसे । एक नयी शक्तिका संचार हुआ और वे दूने उत्साहसे । घरकी देख-रेख करने लगीं।

वे उसी दिनसे नित्य प्रात:काल स्नानकर रामायणका । क्रमपूर्वक पाठ करती थीं। सूर्योदयके पूर्व ही घरके सारे क कार्य कर डालतीं, पर सास उन्हें सताती ही रहती थी। सास उनको पूजा-अर्चनामें लिप्त देखकर कुढ़-सी गयी म और एक कमरेमें जिसमें भूसा, कंडे, ईंधन आदिका ने संग्रह था, पूजाके सामान फेंक दिये और शान्तिको भी उसीमें बंद कर दिया। वे छः दिनोंतक उसीमें बंद रहीं। । सातवें दिन प्रातःकाल कमरेके पट अपने-आप खुल ■ गये। जोरोंसे घण्टा-नाद होने लगा, शङ्ख बज उठे। लोग उस ओर दौड़ पड़े। शान्ति भगवान्‌के ध्यानमें लीन थीं, कमरेमें दीपक जल रहा था। उनके मुखसे 'राम-राम' मन्त्रका उच्चारण हो रहा था। कमरेमें एक दिव्य ज्योति परिव्याप्त हो उठी। अचानक कमरेकी छत फट गयी, लोगोंने आश्चर्यसे देखा—न तो कमरेमें चौकी थी और न शान्ति ही दीख पड़ती थीं, निस्सन्देह वे उस दिव्य ज्योतिमें लीन हो गयीं। *



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[Bhakt Charitra - Bhakt Katha/Kahani - Full Story] [shreeshaantidevee]- Bhaktmaal


kuchh hee dinon pahalekee baat hai, shreeshaantideveekee vilakshan aur chamatkaarapoorn bhagavadbhaktikee pavitr katha sudhaake prabhaavane logonko aashcharyachakit kar diyaa. shree shaantideveeka jeevan poorn sanyamit, tapomay aur saadhan sampann thaa. unake paida hote hee maataa-pita chal base. unake paalana-poshanaka bhaar unake bhaaee aur bhaabheeke kandhon par a pada़aa. ek santaan hote hee un dononne bhee unakee upeksha kar dee. unake yaatanaamay jeevanaka aarambh huaa. bhaabhee kada़ee se kada़ee taada़na dene lagee, par shaantine sahishnuta aur vinamrataaka parichay diyaa.

ek doorake graamamen unaka vivaah kar diya gayaa. sasuraalamen pati, saas aur sasur hee the; in teenonmen saasakee hee chalatee thee. usaka svabhaav bada़a rookha aur karkash tha . shaantiko bhee anek prakaarase sataate rahanemen hee use aanand milata thaa. gharake saare kaama-kaaj unheenko karane paड़te the. unhonne sasuraalavaalonko sada prasann rakhanekee cheshta kee. ve ek samay greeshm ritumen dopaharake samay chhatapar khada़ee asta-vyasta-see hokar kuchh soch rahee theen ki ekaaek unhonne ek divy jyotidekhee; usake darshanase ve aashvast huee. unamen usee dinase . ek nayee shaktika sanchaar hua aur ve doone utsaahase . gharakee dekha-rekh karane lageen.

ve usee dinase nity praata:kaal snaanakar raamaayanaka . kramapoorvak paath karatee theen. sooryodayake poorv hee gharake saare k kaary kar daalateen, par saas unhen sataatee hee rahatee thee. saas unako poojaa-archanaamen lipt dekhakar kudha़-see gayee m aur ek kamaremen jisamen bhoosa, kande, eendhan aadika ne sangrah tha, poojaake saamaan phenk diye aur shaantiko bhee useemen band kar diyaa. ve chhah dinontak useemen band raheen. . saataven din praatahkaal kamareke pat apane-aap khul ■ gaye. joronse ghantaa-naad hone laga, shankh baj uthe. log us or dauda़ pada़e. shaanti bhagavaan‌ke dhyaanamen leen theen, kamaremen deepak jal raha thaa. unake mukhase 'raama-raama' mantraka uchchaaran ho raha thaa. kamaremen ek divy jyoti parivyaapt ho uthee. achaanak kamarekee chhat phat gayee, logonne aashcharyase dekhaa—n to kamaremen chaukee thee aur n shaanti hee deekh pada़tee theen, nissandeh ve us divy jyotimen leen ho gayeen. *

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