⮪ All भक्त चरित्र

बुखाराके भक्त बाजन्द की मार्मिक कथा
बुखाराके भक्त बाजन्द की अधबुत कहानी - Full Story of बुखाराके भक्त बाजन्द (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [बुखाराके भक्त बाजन्द]- भक्तमाल


बादशाह बाजन्दके पिताको एक ज्योतिषीने कहा कि 'तुम्हारा पुत्र एक महान् त्यागी भक्त होगा।' बादशाहको इससे डर लगा और उसी दिनसे उसने बाजन्दको खूब ही मौज-शौक, ऐशो-आराम और अमन-चमनमें गर्क कर दिया। राज्यमें डुग्गी पिटवा दी कि कोई आदमी मर जाय तो उसकी अन्तिम क्रिया इस तरह करनी चाहिये ताकि बाजन्दको मौतकी खबर न हो। इसी समय स्वयं उसके पिताकी मृत्यु हुई पर बाजन्दको पता न लगे, इसका ध्यान रखते हुए ही उनको मिट्टी दे दी गयी बाजन्दको यह समझा दिया गया कि बादशाह हज करने गये हैं। पर भगवान्के विधानको कौन टाल सकता है।आज बड़े धूम-धामसे बाजन्दकी सवारी निकली है। हाथी, घोड़े, रथ, म्याने, ऊँट, पालकी आदिका ठट्ट लग रहा है। डंके निशान बज रहे हैं। सबके बीचमें राजकुँवर बाजन्द सजाये हुए हाथीपर विराजमान हैं। बाजन्द हीरा, मणिक आदि रत्नोंसे जड़ी बहुमूल्य पोशाक पहने हुए हैं और राजाके लिये शोभनीय राजसी ठाट बाटसे अच्छी तरह सुसज्जित हैं। सवारी एक गाँवसे दूसरे गाँवको जा रही है। सब अपने-अपने राग-रंगमें मस्त हैं। अचानक सवारी रुकी; क्योंकि जब वह दो पहाड़ोंके बीचमें पहुँची, तब सबसे आगेके डंकेचाला ऊँट मर गया। रास्ता इतना सँकड़ा था कि ऊँटके मरकर गिरपड़नेसे आगे बढ़नेका रास्ता रुक गया। सवारी रुपर बाजन्द स्वयं हाथीसे नीचे उतरे और सवारी क्यों रुकी, इसका पता लगानेके लिये आगे बढ़े। चलते-चलते जब आगे पहुँचे, तब वहाँ ऊँटको पड़ा देखा।

बाजन्दने दीवानसे पूछा-'दीवान। इस ऊँटको जल्दी खड़ा करो। यह जल्द चले।' दीवानने निराश होकर जवाब दिया- 'जहाँपनाह!

यह ऊँट मर गया है और अब यह चल नहीं सकता।' बाजन्द- अरे भाई! इसमें मर क्या गया? हाथ है, पैर है, सिर है, पूँछ है, पेट है, छाती है-सभी कुछ तो

है; तब मरा क्या?

दीवान - महाराज ! सब कुछ होनेपर भी इसमें जो जीव था, वह निकल गया; इसलिये यह चल नहीं सकता। बाजन्द - सब कुछ होते हुए भी जीवके बिना नहीं चल सकता?

दीवान - हाँ, गरीबपरवर! अब तो शरीर बेकाम हो गया, कामकी चीज तो जीव है। जीव गया तो सब गया! अब तो पञ्चभूत बाकी रह गया।

बाजन्द- अब इस मरे हुए ऊँटका क्या करोगे?

दीवान - इसे जमीनमें गाड़ देंगे। बाजन्द- तो क्या मेरी इस सुन्दर कायामेंसे भी जीव चला जायगा?

दीवान—हाँ दयालु! यह तो संसारभरके लिये कुदरतने एक ही नियम बनाया है। जगत्में आने और | जानेका स्थान राजा और रङ्कके लिये कुदरतने एक-सा ही रखा है।

बाजन्द-तो फिर मेरे प्राण चले जानेके बाद क्या होगा? दीवान - बस, आपको भी कब्र खोदकर गाड़ देंगे और ऊपरसे धूल डाल देंगे। आपके माता-पिता और दादाकी भी यही हालत हुई है, सब मिट्टीमें मिलकर मिट्टी बन गये हैं। बड़े-बड़े सिकन्दर जैसे सम्राट् भी मिट्टीमें मिल गये हैं।

बाजन्द - तो फिर इस सुन्दर कायाके उद्धारका भी कोई रास्ता है?

दीवान - हाँ, संतोंने इसका रास्ता बताया है- भगवान्‌का भजन। भगवान्का भजन करनेवाले मरकर भी अमर हो गये हैं और उन्होंने नित्य सुख-शान्ति प्राप्त की है।

बाजन्द - तो फिर यह राजपाटकी खटपट, दगा धोखा और आधि-व्याधि-उपाधि -इनकी जीवनमें क्या जरूरत है? अब तो भजन करके ही भवसागर तरना और | देहका उद्धार करना ठीक है। दीवानजी! अब तुम सवारी लौटा ले जाओ; और मैं अपना वही रास्ता पकड़ता हूँ जहाँ मृत्युका भय नहीं, दुःखका डर नहीं है और शान्तिका साम्राज्य है।



You may also like these:



bukhaaraake bhakt baajanda ki marmik katha
bukhaaraake bhakt baajanda ki adhbut kahani - Full Story of bukhaaraake bhakt baajanda (hindi)

[Bhakt Charitra - Bhakt Katha/Kahani - Full Story] [bukhaaraake bhakt baajanda]- Bhaktmaal


baadashaah baajandake pitaako ek jyotisheene kaha ki 'tumhaara putr ek mahaan tyaagee bhakt hogaa.' baadashaahako isase dar laga aur usee dinase usane baajandako khoob hee mauja-shauk, aisho-aaraam aur amana-chamanamen gark kar diyaa. raajyamen duggee pitava dee ki koee aadamee mar jaay to usakee antim kriya is tarah karanee chaahiye taaki baajandako mautakee khabar n ho. isee samay svayan usake pitaakee mrityu huee par baajandako pata n lage, isaka dhyaan rakhate hue hee unako mittee de dee gayee baajandako yah samajha diya gaya ki baadashaah haj karane gaye hain. par bhagavaanke vidhaanako kaun taal sakata hai.aaj bada़e dhooma-dhaamase baajandakee savaaree nikalee hai. haathee, ghoda़e, rath, myaane, oont, paalakee aadika thatt lag raha hai. danke nishaan baj rahe hain. sabake beechamen raajakunvar baajand sajaaye hue haatheepar viraajamaan hain. baajand heera, manik aadi ratnonse jada़ee bahumooly poshaak pahane hue hain aur raajaake liye shobhaneey raajasee thaat baatase achchhee tarah susajjit hain. savaaree ek gaanvase doosare gaanvako ja rahee hai. sab apane-apane raaga-rangamen mast hain. achaanak savaaree rukee; kyonki jab vah do pahaada़onke beechamen pahunchee, tab sabase aageke dankechaala oont mar gayaa. raasta itana sankada़a tha ki oontake marakar girapada़nese aage baढ़neka raasta ruk gayaa. savaaree rupar baajand svayan haatheese neeche utare aur savaaree kyon rukee, isaka pata lagaaneke liye aage badha़e. chalate-chalate jab aage pahunche, tab vahaan oontako pada़a dekhaa.

baajandane deevaanase poochhaa-'deevaana. is oontako jaldee khada़a karo. yah jald chale.' deevaanane niraash hokar javaab diyaa- 'jahaanpanaaha!

yah oont mar gaya hai aur ab yah chal naheen sakataa.' baajanda- are bhaaee! isamen mar kya gayaa? haath hai, pair hai, sir hai, poonchh hai, pet hai, chhaatee hai-sabhee kuchh to

hai; tab mara kyaa?

deevaan - mahaaraaj ! sab kuchh honepar bhee isamen jo jeev tha, vah nikal gayaa; isaliye yah chal naheen sakataa. baajand - sab kuchh hote hue bhee jeevake bina naheen chal sakataa?

deevaan - haan, gareebaparavara! ab to shareer bekaam ho gaya, kaamakee cheej to jeev hai. jeev gaya to sab gayaa! ab to panchabhoot baakee rah gayaa.

baajanda- ab is mare hue oontaka kya karoge?

deevaan - ise jameenamen gaada़ denge. baajanda- to kya meree is sundar kaayaamense bhee jeev chala jaayagaa?

deevaana—haan dayaalu! yah to sansaarabharake liye kudaratane ek hee niyam banaaya hai. jagatmen aane aur | jaaneka sthaan raaja aur rankake liye kudaratane eka-sa hee rakha hai.

baajanda-to phir mere praan chale jaaneke baad kya hogaa? deevaan - bas, aapako bhee kabr khodakar gaada़ denge aur ooparase dhool daal denge. aapake maataa-pita aur daadaakee bhee yahee haalat huee hai, sab mitteemen milakar mittee ban gaye hain. bada़e-bada़e sikandar jaise samraat bhee mitteemen mil gaye hain.

baajand - to phir is sundar kaayaake uddhaaraka bhee koee raasta hai?

deevaan - haan, santonne isaka raasta bataaya hai- bhagavaan‌ka bhajana. bhagavaanka bhajan karanevaale marakar bhee amar ho gaye hain aur unhonne nity sukha-shaanti praapt kee hai.

baajand - to phir yah raajapaatakee khatapat, daga dhokha aur aadhi-vyaadhi-upaadhi -inakee jeevanamen kya jaroorat hai? ab to bhajan karake hee bhavasaagar tarana aur | dehaka uddhaar karana theek hai. deevaanajee! ab tum savaaree lauta le jaao; aur main apana vahee raasta pakada़ta hoon jahaan mrityuka bhay naheen, duhkhaka dar naheen hai aur shaantika saamraajy hai.

116 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For GodKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love



Bhajan Lyrics View All

शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को

New Bhajan Lyrics View All

आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान मे,
तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान में...
यह दानेदार माला मेरे किस काम की,
इसमें तस्वीर नहीं है मेरे श्री राम की...
आँख तीसरी खोले है,
ब्रह्माण्ड ये सारा बोले है,
माँगा है मैंने भोले से वरदान एक ही,
तेरी कृपा बनी रहे जब तक है ज़िंदगी...
ऐसी लागी रे लगन,
भटके रे वन वन बृजबाला,