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संयमका सुफल  [आध्यात्मिक कहानी]
Moral Story - आध्यात्मिक कहानी (हिन्दी कथा)

संयमका सुफल

मनुष्यके विकासके लिये जिन गुणोंकी आवश्यकता है, उनमें संयमका बहुत महत्त्व है। संयमसे ही मनुष्यकी समस्त शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्तियोंका विकास होता है। संयमके कारण ही मनुष्य विकास करके उच्चतम शिखरतक पहुँचता है।
फ्रांसका महान् सेनानायक नेपोलियन संयमके द्वारा ही एक दिन फ्रांसका सर्वोच्च व्यक्ति बन सका था। उसके बचपनकी यह घटना पठनीय है
अपने विद्यार्थी जीवनमें नेपोलियनको कुछ दिन आक्लोनी नामक स्थानमें एक नाईके घर रहना पड़ा था। वह अपनी सुन्दरता और सुकुमारताके कारण नाईकी पत्नीके मनको भा गया। वह उससे हँसी मजाक करके उसका मन अपनी ओर आकर्षित करनेका प्रयत्न करती थी, किंतु नेपोलियन उसकी ओर जरा भी ध्यान नहीं देता था ।
कुछ वर्षों बाद जब वह फ्रांसका सेनापति बना, तो एक बार आक्लोनी जाना हुआ। वहाँ वह नाईकी पत्नीसे मिला, जो दुकानपर बैठी हुई थी। नेपोलियनने उससे पूछा—'क्या तुम्हें बोनापार्ट नामके किसी युवकका स्मरण है ?' नाईकी पत्नीने बेरुखीसे कहा-' - 'हाँ, लेकिन उस-जैसे व्यक्तिकी चर्चा करना तो समयका दुरुपयोग है। न उसे गाना आता था, न नाचना । न वह किसीसे मीठी बात ही कर सकता था। बस, हर समय पुस्तकोंमें ही डूबा रहता था।'
ठीक कहती हो देवी! नेपोलियनने हँसते हुए कहा—‘अगर वह रसिकतामें डूब गया होता, तो आज तुम्हारे सामने फ्रांसका प्रधान सेनापति बनकर खड़ा नहीं हो सकता था।' [ श्रीबंकटलालजी आसोपा ]



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sanyamaka suphala

sanyamaka suphala

manushyake vikaasake liye jin gunonkee aavashyakata hai, unamen sanyamaka bahut mahattv hai. sanyamase hee manushyakee samast shaareerik, maanasik aur aadhyaatmik shaktiyonka vikaas hota hai. sanyamake kaaran hee manushy vikaas karake uchchatam shikharatak pahunchata hai.
phraansaka mahaan senaanaayak nepoliyan sanyamake dvaara hee ek din phraansaka sarvochch vyakti ban saka thaa. usake bachapanakee yah ghatana pathaneey hai
apane vidyaarthee jeevanamen nepoliyanako kuchh din aaklonee naamak sthaanamen ek naaeeke ghar rahana pada़a thaa. vah apanee sundarata aur sukumaarataake kaaran naaeekee patneeke manako bha gayaa. vah usase hansee majaak karake usaka man apanee or aakarshit karaneka prayatn karatee thee, kintu nepoliyan usakee or jara bhee dhyaan naheen deta tha .
kuchh varshon baad jab vah phraansaka senaapati bana, to ek baar aaklonee jaana huaa. vahaan vah naaeekee patneese mila, jo dukaanapar baithee huee thee. nepoliyanane usase poochhaa—'kya tumhen bonaapaart naamake kisee yuvakaka smaran hai ?' naaeekee patneene berukheese kahaa-' - 'haan, lekin usa-jaise vyaktikee charcha karana to samayaka durupayog hai. n use gaana aata tha, n naachana . n vah kiseese meethee baat hee kar sakata thaa. bas, har samay pustakonmen hee dooba rahata thaa.'
theek kahatee ho devee! nepoliyanane hansate hue kahaa—‘agar vah rasikataamen doob gaya hota, to aaj tumhaare saamane phraansaka pradhaan senaapati banakar khada़a naheen ho sakata thaa.' [ shreebankatalaalajee aasopa ]

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