नम्र बनो, कठोर नहीं !
एक चीनी सन्त बहुत बूढ़े हो गये। देखा कि अन्तिम समय निकट आ गया है, तो अपने सभी भक्तों और शिष्योंको अपने पास बुलाया। प्रत्येकसे बोले 'तनिक मेरे मुँहके अन्दर तो देखो भाई! कितने दाँत शेष हैं ?'
प्रत्येक शिष्यने मुँहके भीतर देखा। प्रत्येकने कहा 'महाराज! आपके दाँत तो कई वर्ष पहले ही समाप्त हो चुके हैं, अब आपके मुँहमें एक भी दाँत नहीं है।'
सन्तने कहा- 'जिह्वा तो विद्यमान है ?'
सबने कहा- 'जी हाँ।'
सन्त बोले- 'यह बात कैसे हुई ? जिह्वा तो जन्मके समय भी विद्यमान थी। दाँत उससे बहुत पीछे आये। पीछे आनेवालेको पीछे जाना चाहिये था। दाँत पहले कैसे चले गये ?'
शिष्योंने कहा-'हम तो इसका कारण समझ नहीं पाते।'
तब सन्तने धीमी आवाजमें कहा-'यही बतलानेके लिये मैंने तुम्हें बुलाया है। देखो! यह वाणी अबतक विद्यमान हैं, तो इसलिये कि इसमें कठोरता नहीं और ये दाँत पीछे आकर भी पहले समाप्त हो गये, तो इसलिये कि ये बहुत कठोर थे। यह कठोरता ही इनकी समाप्तिका कारण बनी। इसलिये मेरे बच्चो ! यदि देरतक जीना चाहते हो, तो नम्र बनो, कठोर न बनो!'
namr bano, kathor naheen !
ek cheenee sant bahut boodha़e ho gaye. dekha ki antim samay nikat a gaya hai, to apane sabhee bhakton aur shishyonko apane paas bulaayaa. pratyekase bole 'tanik mere munhake andar to dekho bhaaee! kitane daant shesh hain ?'
pratyek shishyane munhake bheetar dekhaa. pratyekane kaha 'mahaaraaja! aapake daant to kaee varsh pahale hee samaapt ho chuke hain, ab aapake munhamen ek bhee daant naheen hai.'
santane kahaa- 'jihva to vidyamaan hai ?'
sabane kahaa- 'jee haan.'
sant bole- 'yah baat kaise huee ? jihva to janmake samay bhee vidyamaan thee. daant usase bahut peechhe aaye. peechhe aanevaaleko peechhe jaana chaahiye thaa. daant pahale kaise chale gaye ?'
shishyonne kahaa-'ham to isaka kaaran samajh naheen paate.'
tab santane dheemee aavaajamen kahaa-'yahee batalaaneke liye mainne tumhen bulaaya hai. dekho! yah vaanee abatak vidyamaan hain, to isaliye ki isamen kathorata naheen aur ye daant peechhe aakar bhee pahale samaapt ho gaye, to isaliye ki ye bahut kathor the. yah kathorata hee inakee samaaptika kaaran banee. isaliye mere bachcho ! yadi deratak jeena chaahate ho, to namr bano, kathor n bano!'