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कर्मकी जड़ें  [Spiritual Story]
Short Story - Spiritual Story (Short Story)

कर्मकी जड़ें

(प्रो0 सुश्री प्रेमाजी पाण्डुरंगन )

एक हरा-भरा चरागाह था, जहाँ श्रीकृष्णकी गायें चरा करती थीं। आश्चर्यको बात यह थी कि उस चरागाहमें अन्य कोई अपने पशु लेकर नहीं जाता था। यदि कोई अपने पशु लेकर वहाँ जाता, तो वहाँकी सारी घास भूरी हो जाती और सूख जाती फलतः ऐसी घासको पशु न खाते। इन पशुओंके स्वामी भी निराश होते, जब वे देखते कि हरी घास न मिलनेके कारण उनके पशु दूध नहीं दे रहे हैं।
एक दिन श्रीकृष्णकी गायोंसे ईर्ष्या रखनेवाले कुछ लोग उनकी गायोंकि पीछे-पीछे चरागाह चले गये। वहाँ श्रीकृष्ण अपने सखाओंके साथ बातचीत करते हुए एक वृक्षके नीचे बैठे हुए थे। पशुओंके पीछे जाते हुए इन लोगोंने वहाँ एक चमत्कार देखा। उन्होंने देखा कि श्रीकृष्णकी गौएँ घासकी पत्तियोंके साथ बातचीत कर रही हैं। घासको पत्तियाँ गायसे कह रही थीं- 'प्यारी गायों, हमें खाओ, हमें चबाओ, हमारे दूधको मक्खनमें बदल दो, ताकि यशोदा और गोपियाँ श्रीकृष्णके सामने उसे खानेके लिये अर्पित करें। घासकी पत्तियोंकी बातें सुनकर गौएँ भी बड़ी उत्सुक हुई और उनसे बोली 'हम कितनी घास खा सकती हैं, तुम तो बड़ी जल्दी 'उगती हो।' घासकी पत्तियोंने इस तथ्यको स्पष्ट करते हुए कहा- 'हम इस तरह उगकर अपनी जड़तक पहुँचना चाहती हैं। हम इतनी जल्दी उगकर यह चाहती हैं कि श्रीकृष्णके लिये हम अर्पित हो जायें। हमारा जीवन शीघ्र ही समाप्त हो जाय और फिर बादमें हमें जीनेकी आवश्यकता न हो। यही कारण है कि हम श्रीकृष्णकी गायोंकी प्रतीक्षा करती हैं; क्योंकि श्रीकृष्ण गोशाला में अपनी प्रत्येक गायका दूध पीते हैं।'
श्रीकृष्णकी गायोंका पीछा करनेवाले लोग पहले स्तब्ध रह गये, किंतु बादमें उन्हें बोध हुआ।
हे परमेश्वर ! हमें भी घासकी हरी-भरी पत्तियाँ बनादो। हम अपनेको बिना किसी भेदभावके आपके श्रीचरणर्मि पूर्णतया समर्पित कर देंगे। आप हमारे कर्मोकी जड़ोंपर इस तरह प्रहार करें कि जीवनके उपवन या चरागाहकी हमें फिर कोई आवश्यकता न पड़े। आपके बिना हमारा जीवन नीरस है, निष्फल है, भूरा और सूखा है। जब आप हमारे साथ होंगे, तब हम हरे-भरे प्रकाशमान होकर आपके श्रीचरणोंमें विनयावनत हो जायँगे।



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karmakee jada़en

karmakee jada़en

(pro0 sushree premaajee paandurangan )

ek haraa-bhara charaagaah tha, jahaan shreekrishnakee gaayen chara karatee theen. aashcharyako baat yah thee ki us charaagaahamen any koee apane pashu lekar naheen jaata thaa. yadi koee apane pashu lekar vahaan jaata, to vahaankee saaree ghaas bhooree ho jaatee aur sookh jaatee phalatah aisee ghaasako pashu n khaate. in pashuonke svaamee bhee niraash hote, jab ve dekhate ki haree ghaas n milaneke kaaran unake pashu doodh naheen de rahe hain.
ek din shreekrishnakee gaayonse eershya rakhanevaale kuchh log unakee gaayonki peechhe-peechhe charaagaah chale gaye. vahaan shreekrishn apane sakhaaonke saath baatacheet karate hue ek vrikshake neeche baithe hue the. pashuonke peechhe jaate hue in logonne vahaan ek chamatkaar dekhaa. unhonne dekha ki shreekrishnakee gauen ghaasakee pattiyonke saath baatacheet kar rahee hain. ghaasako pattiyaan gaayase kah rahee theen- 'pyaaree gaayon, hamen khaao, hamen chabaao, hamaare doodhako makkhanamen badal do, taaki yashoda aur gopiyaan shreekrishnake saamane use khaaneke liye arpit karen. ghaasakee pattiyonkee baaten sunakar gauen bhee bada़ee utsuk huee aur unase bolee 'ham kitanee ghaas kha sakatee hain, tum to baड़ee jaldee 'ugatee ho.' ghaasakee pattiyonne is tathyako spasht karate hue kahaa- 'ham is tarah ugakar apanee jaड़tak pahunchana chaahatee hain. ham itanee jaldee ugakar yah chaahatee hain ki shreekrishnake liye ham arpit ho jaayen. hamaara jeevan sheeghr hee samaapt ho jaay aur phir baadamen hamen jeenekee aavashyakata n ho. yahee kaaran hai ki ham shreekrishnakee gaayonkee prateeksha karatee hain; kyonki shreekrishn goshaala men apanee pratyek gaayaka doodh peete hain.'
shreekrishnakee gaayonka peechha karanevaale log pahale stabdh rah gaye, kintu baadamen unhen bodh huaa.
he parameshvar ! hamen bhee ghaasakee haree-bharee pattiyaan banaado. ham apaneko bina kisee bhedabhaavake aapake shreecharanarmi poornataya samarpit kar denge. aap hamaare karmokee jada़onpar is tarah prahaar karen ki jeevanake upavan ya charaagaahakee hamen phir koee aavashyakata n paड़e. aapake bina hamaara jeevan neeras hai, nishphal hai, bhoora aur sookha hai. jab aap hamaare saath honge, tab ham hare-bhare prakaashamaan hokar aapake shreecharanonmen vinayaavanat ho jaayange.

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