⮪ All भगवान की कृपा Experiences

जब स्वयं भगवान्ने ड्यूटी दी'अरे गजब हो गया' - भक्त

'अरे गजब हो गया' - भक्त रामकृष्णदास घबराकर सहसा बोले ।

'क्या हुआ, भाई ?' – कई भक्तोंने एक साथ पूछा।

'इस रातको तो मेरी ड्यूटी थी पुलिस लाइनमें। मैं तो बिलकुल भूल ही गया।' वे कुछ घबराकर बोले ।

रामायणके अनन्य प्रेमी भक्त कांस्टेबल रामकृष्णदास मानसपारायणमें कुछ ऐसे तल्लीन हो गये कि उन्हें उस रातको ड्यूटीपर जानेका स्मरण ही नहीं रहा। वे आत्मविस्मृत हो गये थे। भक्तोंने सहानुभूति प्रकट की। शीघ्रतासे उन्होंने वर्दी पहनी, पेटी लगायी और लपकते हुए पहुँचे पुलिस लाइन ।

'माफ करिये, साहब!'- सिपाही रामकृष्णने अंग्रेज पुलिस सुपरिन्टेन्डेंटको सलाम करके गिड़गिड़ाते हुए कहा—'मैं कल रात ड्यूटीपर हाजिर नहीं हो सका।' 'वेल मैन !' - साहब आश्चर्य-मुद्रासे बोला'क्या बोलटा टुम। क्या टुम नशा करता है? टुम हाजिर था नाइटमें, टो ऐसा माफिक क्यों बोलटा ? रजिस्टर में टुमारा साइन है।'

आश्चर्यसे अवाक् कांस्टेबल रामकृष्णने साहबकी बात सुनी। साहबने मेजपर रखी घण्टी बजायी, अर्दली हाजिर हुआ। हाजिरी रजिस्टर लानेका आदेश हुआ उसे रजिस्टर आया। साहबने उन्हें खोलकर दिखाया 'देखो मैन! इढर टुमारा ढसखट ।'

आँखें फाड़कर देखा रामकृष्णने, उन्हींके हस्ताक्षर हैं। किसने किये हू-ब-हू मेरे जैसे दस्तखत ! और कौन आया मेरी ड्यूटीपर ? भावनाओंका झंझावात हृदयको झकझोरने लगा। एक बार, दो बार, कई बार देखे उन्होंने वे हस्ताक्षर ! और तब सहसा उनके अन्तः पटलपर बिजली-सी काँध गयी। धनुर्बाणधारी, भक्त-भयहारी, भगवान् श्रीराघवेन्द्रकी मुनिमनहारी छवि मुसकरा उठीउनके हृदय सिंहासनपर। 'तुम्हीं थे, मेरे सरकार ! रातमें इस अधम जनकी ड्यूटी बजानेवाले।'- आवरण हट गया और साथ ही प्रेमका बाँध टूट पड़ा। आँसुओंकी वेगमयी धारा प्रवाहित हो चली। अंग्रेज अवाक् होकर इस पागल सिपाहीको देखने लगा। 'टुम क्यों रोटा है ? ' - वह कहता ही रहा और ये लौट पड़े उसी क्षण । 'हाय! मेरे प्रभुको इस अधम जनके लिये रातभर ड्यूटी देनी पड़ी। '

पुलिसकी वर्दी-पेटी आदि, किसीके द्वारा वापस कर दी भक्तराज रामकृष्णदासने और अपने त्यागपत्रमें लिख दिया- 'जिसने मेरी ड्यूटी पूरी की, अब मैंउसीकी ड्यूटी पूरी करने जा रहा हूँ, उसीकी खोजमें और वे चले गये उसी रातको श्रीअयोध्यापुरी, अपने सरकार श्रीरामका सामीप्य प्राप्त करने।

यह घटना कोई कल्पित कहानी नहीं है। लगभग एक शताब्दी पूर्व हमारे नगर शाहजहाँपुर (उत्तर प्रदेश) - में यह अविस्मरणीय घटना घटित हुई थी। नौकरी छोड़कर परम भागवत रामकृष्णदास श्री अयोध्यापुरी पहुँचे। साधकसे सिद्ध बनकर अन्तिम दिनोंमें उन्होंने शाहजहाँपुरको पवित्र किया था। आज भी इस नगरके मुहल्ला सराय काइयाँमें उनकी समाधि विद्यमान है।

[ श्रीकालीचरणजी दीक्षित 'कवीश' ]



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jab svayan bhagavaanne dyootee dee'are gajab ho gayaa' - bhakta

'are gajab ho gayaa' - bhakt raamakrishnadaas ghabaraakar sahasa bole .

'kya hua, bhaaee ?' – kaee bhaktonne ek saath poochhaa.

'is raatako to meree dyootee thee pulis laainamen. main to bilakul bhool hee gayaa.' ve kuchh ghabaraakar bole .

raamaayanake anany premee bhakt kaanstebal raamakrishnadaas maanasapaaraayanamen kuchh aise talleen ho gaye ki unhen us raatako dyooteepar jaaneka smaran hee naheen rahaa. ve aatmavismrit ho gaye the. bhaktonne sahaanubhooti prakat kee. sheeghrataase unhonne vardee pahanee, petee lagaayee aur lapakate hue pahunche pulis laain .

'maaph kariye, saahaba!'- sipaahee raamakrishnane angrej pulis suparintendentako salaam karake gida़gida़aate hue kahaa—'main kal raat dyooteepar haajir naheen ho sakaa.' 'vel main !' - saahab aashcharya-mudraase bolaa'kya bolata tuma. kya tum nasha karata hai? tum haajir tha naaitamen, to aisa maaphik kyon bolata ? rajistar men tumaara saain hai.'

aashcharyase avaak kaanstebal raamakrishnane saahabakee baat sunee. saahabane mejapar rakhee ghantee bajaayee, ardalee haajir huaa. haajiree rajistar laaneka aadesh hua use rajistar aayaa. saahabane unhen kholakar dikhaaya 'dekho maina! idhar tumaara dhasakhat .'

aankhen phaada़kar dekha raamakrishnane, unheenke hastaakshar hain. kisane kiye hoo-ba-hoo mere jaise dastakhat ! aur kaun aaya meree dyooteepar ? bhaavanaaonka jhanjhaavaat hridayako jhakajhorane lagaa. ek baar, do baar, kaee baar dekhe unhonne ve hastaakshar ! aur tab sahasa unake antah patalapar bijalee-see kaandh gayee. dhanurbaanadhaaree, bhakta-bhayahaaree, bhagavaan shreeraaghavendrakee munimanahaaree chhavi musakara utheeunake hriday sinhaasanapara. 'tumheen the, mere sarakaar ! raatamen is adham janakee dyootee bajaanevaale.'- aavaran hat gaya aur saath hee premaka baandh toot pada़aa. aansuonkee vegamayee dhaara pravaahit ho chalee. angrej avaak hokar is paagal sipaaheeko dekhane lagaa. 'tum kyon rota hai ? ' - vah kahata hee raha aur ye laut pada़e usee kshan . 'haaya! mere prabhuko is adham janake liye raatabhar dyootee denee pada़ee. '

pulisakee vardee-petee aadi, kiseeke dvaara vaapas kar dee bhaktaraaj raamakrishnadaasane aur apane tyaagapatramen likh diyaa- 'jisane meree dyootee pooree kee, ab mainuseekee dyootee pooree karane ja raha hoon, useekee khojamen aur ve chale gaye usee raatako shreeayodhyaapuree, apane sarakaar shreeraamaka saameepy praapt karane.

yah ghatana koee kalpit kahaanee naheen hai. lagabhag ek shataabdee poorv hamaare nagar shaahajahaanpur (uttar pradesha) - men yah avismaraneey ghatana ghatit huee thee. naukaree chhoda़kar param bhaagavat raamakrishnadaas shree ayodhyaapuree pahunche. saadhakase siddh banakar antim dinonmen unhonne shaahajahaanpurako pavitr kiya thaa. aaj bhee is nagarake muhalla saraay kaaiyaanmen unakee samaadhi vidyamaan hai.

[ shreekaaleecharanajee deekshit 'kaveesha' ]

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