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Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav (Hitotsav) By Shree Hita Ambrish ji in Feburary 2015 at Hisar

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav (Hitotsav) Part 1 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav (Hitotsav) Part 2 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav (Hitotsav) Part 3 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav (Hitotsav) Part 4 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav (Hitotsav) Part 5 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav (Hitotsav) Part 6 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav (Hitotsav) Part 7 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav (Hitotsav) Part 8 By Shree Hita Ambrish ji

Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav (Hitotsav) Part 9 By Shree Hita Ambrish ji

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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]How To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti



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एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला

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खाटूवाला खड़ा हर पहर,
फिर क्यों भटके है तू दर बदर,
जिंदगी उदास रहती है, तेरे मिलन की आस
तुम आओ तो कोई बात बने, मुझे तो तेरी ही
गुरा दे सोणे दर्शन कर लो,
सोणी मूरत दिल विच कर लो,
नव दुर्गे पूछ रही किसी ने मेरा शेर
शेर देखा मेरा शेर देखा...
मिश्री से मीठे बोल हमारी राधा रानी के,
राधा रानी के हमारी ब्रज पटरानी  के,