Bhagwat Katha By Shri Krishna chand Shastri Thakurji at Harigarh in 2012
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15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of BhaktiWhy Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
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येशु के जैसा कोई नहीं,
उसके नाम के बराबर कुछ भी नहीं,
लाया हूँ क्षृद्धा के दाता, दो सुमन
वन्दना तेरे लिए है, और नमन तेरे लिए,
पुरन करनें काम,
अवध में जनम लियो हैं राम,
ओम की बोलो जय जयकार बधाई होवे...
मुरली वाले ने रौनका लगाईया,
आज ते कमाल हो गया...