⮪ All भगवान की कृपा Experiences

श्रीहनुमन्मन्त्र-अनुष्ठानका प्रभाव

मैं अपनी बाल्यावस्थामें श्रीअवध जाया करता था। जानकीघाटवाले पं० श्रीरामवल्लभाशरणजी महाराजके चरणोंमें श्रद्धा थी और वे अकारण ही मेरे ऊपर वात्सल्य स्नेहकी वर्षा किया करते थे। एक दिन प्रसंगवश उन्होंने अपने पूर्व जीवनकी बात सुनायी।

वे अपनी युवावस्थामें कुछ पढ़े-लिखे नहीं थे। एक श्रीराम भक्त विद्वान् महात्माका सत्संग उन्हें प्राप्त हुआ। महात्माने पूछा—'तुम क्या चाहते हो ?' उन्होंने कहा-'विद्या और भगवद्भक्ति।' महात्माने उन्हें श्रीहनुमन्मन्त्र और उसकी अनुष्ठानविधि बता दी। वे श्रद्धा-विश्वासपूर्वक उसे करने लगे। अनुष्ठानकी पूर्णतापर श्रीहनुमान्जीने उन्हें दर्शन दिया और वरदानमें कहा कि-'तुम तीन दिनोंके भीतर जितने ग्रन्थोंका दर्शन कर लोगे, वे साभिप्राय तुम्हें कण्ठस्थ हो जायेंगे। साथ ही तुम्हें श्रीराम-भक्ति भी मिलेगी।' पण्डितजीने काशीमें जाकर तीन दिनोंमें बड़े-बड़े ग्रन्थागारोंके दर्शन किये। वे विधिपूर्वक शास्त्रोंका स्वाध्याय किये बिना ही कितने उच्चकोटिके विद्वान् हो गये थे—यह बात वे ही लोग समझ सकते हैं, जिन्होंने कभी उनका प्रत्यक्ष दर्शन किया होगा। सम्पूर्ण विद्वत्समाज उनके प्रगाढ़ पाण्डित्यका समादर करता था। श्रीराम-भक्ति तो उनके रोम-रोममें भरी हुई थी।

[स्वामी श्रीअखण्डानन्दजी सरस्वती ]



You may also like these:

Real Life Experience प्रभुकृपा


shreehanumanmantra-anushthaanaka prabhaava

main apanee baalyaavasthaamen shreeavadh jaaya karata thaa. jaanakeeghaatavaale pan0 shreeraamavallabhaasharanajee mahaaraajake charanonmen shraddha thee aur ve akaaran hee mere oopar vaatsaly snehakee varsha kiya karate the. ek din prasangavash unhonne apane poorv jeevanakee baat sunaayee.

ve apanee yuvaavasthaamen kuchh padha़e-likhe naheen the. ek shreeraam bhakt vidvaan mahaatmaaka satsang unhen praapt huaa. mahaatmaane poochhaa—'tum kya chaahate ho ?' unhonne kahaa-'vidya aur bhagavadbhakti.' mahaatmaane unhen shreehanumanmantr aur usakee anushthaanavidhi bata dee. ve shraddhaa-vishvaasapoorvak use karane lage. anushthaanakee poornataapar shreehanumaanjeene unhen darshan diya aur varadaanamen kaha ki-'tum teen dinonke bheetar jitane granthonka darshan kar loge, ve saabhipraay tumhen kanthasth ho jaayenge. saath hee tumhen shreeraama-bhakti bhee milegee.' panditajeene kaasheemen jaakar teen dinonmen bada़e-bada़e granthaagaaronke darshan kiye. ve vidhipoorvak shaastronka svaadhyaay kiye bina hee kitane uchchakotike vidvaan ho gaye the—yah baat ve hee log samajh sakate hain, jinhonne kabhee unaka pratyaksh darshan kiya hogaa. sampoorn vidvatsamaaj unake pragaadha़ paandityaka samaadar karata thaa. shreeraama-bhakti to unake roma-romamen bharee huee thee.

[svaamee shreeakhandaanandajee sarasvatee ]

65 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love



Bhajan Lyrics View All

हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे

New Bhajan Lyrics View All

अगला जन्म भी सांवरे,
लिख ले अपने नाम,
घड़ी घड़ी और पल पल नाम रटूं मैं तेरा,
श्याम तेरा दास तेरा, मेरा तेरे भरोसे
एक बार माँ आ जाओ फिर आके चली जाना,
मुझे दरस दिखा जाओ दिखला के चली जाना...
ढोल बजाओ, भगड़े पाओ,
नया साल हैं आया...
भोले बाबा की नगरिया चलो धीरे धीरे,
धीरे धीरे हो रामा धीरे धीरे,