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मन्त्र - जपसे पुत्रकी प्राप्ति

बात एक वर्ष पूर्वकी है। मेरे एक मित्र शिक्षा विभागमें क्लर्क हैं। उनकी शादीको सात वर्ष हो गये। थे, परंतु ईश्वरने उनको सन्तान नहीं दी थी। उनकी पत्नी रमाबाई आस्तिक एवं धर्मपरायण महिला हैं, परंतु संतान न होनेसे वे बेहद दुखी रहने लगीं। एक दिन सास श्वशुरने भी खरी-खोटी कही और पुत्रकी दूसरी शादी करनेकी चर्चा आये दिन होने लगी। पत्नीको जब दूसरी शादीकी चर्चा सुनायी दी तो वह बेचारी दिन-रात रोने लगी और भगवान्को कोसने लगी। कुछ दिन गुजरे, जन्माष्टमीका पर्व हर्षोल्लास से मनाया जा रहा था। लोगोंकी काफी भीड़ मन्दिरोंमें दर्शनोंके लिये जा रही थी, परंतु वह बेचारी अपने पतिके कहनेपर भी पर्वमें सम्मिलित नहीं हुई और कृष्णके बारेमें कहने लगी कि'ये कृष्ण हमारी प्रार्थना तो सुनते नहीं हैं; मैं क्यों इनको मानूँ ?' तभी एक वृद्ध भिखारी रमाबाईके द्वारपर भीख माँगने आया, उसे भी उसने खरी-खोटी सुनायी और बोली- 'तुम्हारी भी दुआ काम नहीं करती हैं, जाओ यहाँसे ।' वृद्ध भिखारीने उसके पतिसे सारा वृत्तान्त सुना और बोला- यदि आपकी पत्नी रातभर जागरणकर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जप करें तो कल्याण होगा। पतिकी सलाहसे रमाबाईने उपर्युक्त मन्त्रका जप किया और सालभरमें ही उसके एक सुन्दर बच्चेका जन्म हुआ। अब रमाबाई कृष्णकी पक्की उपासक हो गयी हैं और बच्चेका नाम 'वासुदेव' रख दिया है। सच है, ईश्वरपर विश्वास रखनेसे दुःख दूर होता है।

[ श्रीघनश्यामशरणजी ]



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mantr - japase putrakee praapti

baat ek varsh poorvakee hai. mere ek mitr shiksha vibhaagamen klark hain. unakee shaadeeko saat varsh ho gaye. the, parantu eeshvarane unako santaan naheen dee thee. unakee patnee ramaabaaee aastik evan dharmaparaayan mahila hain, parantu santaan n honese ve behad dukhee rahane lageen. ek din saas shvashurane bhee kharee-khotee kahee aur putrakee doosaree shaadee karanekee charcha aaye din hone lagee. patneeko jab doosaree shaadeekee charcha sunaayee dee to vah bechaaree dina-raat rone lagee aur bhagavaanko kosane lagee. kuchh din gujare, janmaashtameeka parv harshollaas se manaaya ja raha thaa. logonkee kaaphee bheeda़ mandironmen darshanonke liye ja rahee thee, parantu vah bechaaree apane patike kahanepar bhee parvamen sammilit naheen huee aur krishnake baaremen kahane lagee ki'ye krishn hamaaree praarthana to sunate naheen hain; main kyon inako maanoon ?' tabhee ek vriddh bhikhaaree ramaabaaeeke dvaarapar bheekh maangane aaya, use bhee usane kharee-khotee sunaayee aur bolee- 'tumhaaree bhee dua kaam naheen karatee hain, jaao yahaanse .' vriddh bhikhaareene usake patise saara vrittaant suna aur bolaa- yadi aapakee patnee raatabhar jaagaranakar 'oM namo bhagavate vaasudevaaya' ka jap karen to kalyaan hogaa. patikee salaahase ramaabaaeene uparyukt mantraka jap kiya aur saalabharamen hee usake ek sundar bachcheka janm huaa. ab ramaabaaee krishnakee pakkee upaasak ho gayee hain aur bachcheka naam 'vaasudeva' rakh diya hai. sach hai, eeshvarapar vishvaas rakhanese duhkh door hota hai.

[ shreeghanashyaamasharanajee ]

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अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
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श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
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इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
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