⮪ All भगवान की कृपा Experiences

जीवनमें घटित भगवत्-कृपा

हम मूलतः जहाँगीराबाद कस्बेके निवासी हैं और पिछले ५२ वर्षोंसे रह रहे हैं। घटना करीब ३० वर्ष पुरानी है। जीवनके दैनिक क्रममें आवासके पास जो भी मन्दिर हो, सायंकाल दर्शन करने जाना प्रभुकृपासे आजतक बना हुआ है।

उन दिनों सायंकाल टेलीविजनपर एक मनोरंजक कार्यक्रम आता था और हम उसके पूर्व ही मन्दिर चले जाते। एक दिन दैनिक क्रममें मन्दिर जाते समयअनायास ही ख्याल आया कि आज कहीं गोली न लग जाय; जबकि सब कुछ सामान्य था, किंतु १५ मिनट बाद जैसे ही हम मन्दिरसे वापस हो रहे थे, तभी मन्दिरके निकट लगभग ५०० लोगोंकी भीड़ दिखायी दी। चीखने-चिल्लानेकी आवाजें आ रही थीं और साफ-साफ दिख रहा था कि ३-४ बदमाश गोली चला रहे हैं। पता करनेपर ज्ञात हुआ कि ये लोग एक मकानमें लूटके लिये गये थे, परंतु सफलता न मिलनेपर कूदकरगोली चलाते हुए भागने लगे। उस समय आम नागरिकोंने अदम्य साहसका परिचय देते हुए बदमाशोंको घेर लिया, बदमाश पकड़ भी लिये गये और तत्काल पुलिसके आनेपर दो बदमाश मारे भी गये। इसी संघर्षमें बदमाशोंकी एक गोली मुझे भी लगी। यह मेरे प्रभु श्रीसीतारामजीकी अहैतुकी कृपा ही थी कि गोलीका छर्रा आँखमें लगनेपर भी आँख फूटी नहीं। उसी समय भगवत्प्रेरित कुछ अपरिचित लोग मुझे अस्पताल ले गये और छर्रानिकलवाकर घर पहुँचाया।

उस घटनाका स्मरणकर मैं आज भी सिहर उठता हूँ। उस समय न तो कोई मेरे साथ था और न ही किसीको इसकी सूचना ही थी। ऐसेमें उन दीनबन्धु श्रीरामने ही मेरा परित्राण किया, जिनके मंगलमय नामका स्वयं और दूसरोंसे भी जप एवं लेखन मैं चालीस वर्षोंसे करता तथा करवाता रहा हूँ-ऐसा मेरा दृढ़ विश्वास है ।

[ श्रीमुन्नालालजी गर्ग ]



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Real Life Experience प्रभु दर्शन


jeevanamen ghatit bhagavat-kripaa

ham moolatah jahaangeeraabaad kasbeke nivaasee hain aur pichhale 52 varshonse rah rahe hain. ghatana kareeb 30 varsh puraanee hai. jeevanake dainik kramamen aavaasake paas jo bhee mandir ho, saayankaal darshan karane jaana prabhukripaase aajatak bana hua hai.

un dinon saayankaal teleevijanapar ek manoranjak kaaryakram aata tha aur ham usake poorv hee mandir chale jaate. ek din dainik kramamen mandir jaate samayaanaayaas hee khyaal aaya ki aaj kaheen golee n lag jaaya; jabaki sab kuchh saamaany tha, kintu 15 minat baad jaise hee ham mandirase vaapas ho rahe the, tabhee mandirake nikat lagabhag 500 logonkee bheeda़ dikhaayee dee. cheekhane-chillaanekee aavaajen a rahee theen aur saapha-saaph dikh raha tha ki 3-4 badamaash golee chala rahe hain. pata karanepar jnaat hua ki ye log ek makaanamen lootake liye gaye the, parantu saphalata n milanepar koodakaragolee chalaate hue bhaagane lage. us samay aam naagarikonne adamy saahasaka parichay dete hue badamaashonko gher liya, badamaash pakada़ bhee liye gaye aur tatkaal pulisake aanepar do badamaash maare bhee gaye. isee sangharshamen badamaashonkee ek golee mujhe bhee lagee. yah mere prabhu shreeseetaaraamajeekee ahaitukee kripa hee thee ki goleeka chharra aankhamen laganepar bhee aankh phootee naheen. usee samay bhagavatprerit kuchh aparichit log mujhe aspataal le gaye aur chharraanikalavaakar ghar pahunchaayaa.

us ghatanaaka smaranakar main aaj bhee sihar uthata hoon. us samay n to koee mere saath tha aur n hee kiseeko isakee soochana hee thee. aisemen un deenabandhu shreeraamane hee mera paritraan kiya, jinake mangalamay naamaka svayan aur doosaronse bhee jap evan lekhan main chaalees varshonse karata tatha karavaata raha hoon-aisa mera driढ़ vishvaas hai .

[ shreemunnaalaalajee garg ]

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