⮪ All भक्त चरित्र

भक्त चेता माली की मार्मिक कथा
भक्त चेता माली की अधबुत कहानी - Full Story of भक्त चेता माली (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [भक्त चेता माली]- भक्तमाल


चेता नामक एक माली था । घरमें स्त्री थी। लड़का- वाला कोई न था। चार आनेसे अधिककी कमाईका काम नहीं करता था, कम भले हो। उसने एक छोटी-सी दूकान ले रखी थी, एक माला रोज दूकानका भाड़ा था। लोग उसको जान गये थे, इसलिये दूकान खोलते ही ग्राहक आ जुटते थे और उसके फूल खरीद ले जाते थे। जहाँ फूलोंके दाम चार आने हुए कि वह दूकान बंद करके बचे हुए सारे फूल पासके भगवान्‌के मन्दिरमें चढ़ा आता था। प्रति पूर्णिमाको वह पैदल दाऊजी जाया करता था। दाऊजी उसके घरसे बारह कोस हैं। वह चतुर्दशीके प्रातःकाल जाता, सन्ध्याको दाऊजी पहुँच जाता, पूर्णिमाको वहाँ ठहरता और प्रतिपदाको सबेरे चलकर शामको घर लौट आता था।

धीरे-धीरे उसका चित्त दाऊजीके स्वरूपमें लगने लगा, एक दिन पूर्णिमाकी सन्ध्याको वह श्रीदाऊजीके मन्दिरकी झाँकी करके एक कोनेमें बैठ गया और दाऊजीका ध्यान करने लगा। कुछ ही क्षणोंमें उसकी चित्तवृत्ति ध्येयाकार बन गयी और उसे अपने शरीरका तनिक भीभान न रहा। दैवयोगसे ऊपरके आलेमें रखी हुई दीपककी बत्ती झड़कर उसके साफेपर गिर पड़ी और साफेमेंसे धूआँ निकलने लगा। लगभग दो घंटेतक साफेसे धूआँ निकलता रहा अन्तमें जब आग चमकने लगी, तब एक मनुष्यने आगको देखा। उस मनुष्यने पुजारीजीको आवाज दी। पुजारीजीने दौड़कर एक लकड़ीसे साफा गिरा दिया। साफा प्रायः जल ही गया था, परंतु चेताको कुछ भी पता नहीं था। पुजारीने देखा तो उसके सिरका एक भी बाल नहीं जला था। लोग आश्चर्य करने लगे। चेता ध्यानमग्न था। जब बहुत देर बाद चेताको बाह्यज्ञान हुआ, तब लोगोंने जला हुआ साफा दिखाया और पूछा- 'क्या तुझे साफा जलनेका कुछ भी पता नहीं है?' उसने कहा—'नहीं, कुछ भी पता नहीं है। मैं तो दाऊजीके दर्शन कर रहा था, वहाँ दाऊजी थे और मैं था, तीसरा कोई था - ही नहीं, मुझे बड़ा ही आनन्द आ रहा था। मुझे पता नहीं -कब आग लगी और कब साफा सिरसे उतारा गया!' चेताकी भक्ति दिनोंदिन बढ़ती गयी और वह भगवान्‌का बड़ा प्यारा भक्त हो गया।



You may also like these:

Bhakt Charitra डाकू भगत
Bhakt Charitra बालक मोहन
Bhakt Charitra मीराँबाई


bhakt cheta maalee ki marmik katha
bhakt cheta maalee ki adhbut kahani - Full Story of bhakt cheta maalee (hindi)

[Bhakt Charitra - Bhakt Katha/Kahani - Full Story] [bhakt cheta maalee]- Bhaktmaal


cheta naamak ek maalee tha . gharamen stree thee. lada़kaa- vaala koee n thaa. chaar aanese adhikakee kamaaeeka kaam naheen karata tha, kam bhale ho. usane ek chhotee-see dookaan le rakhee thee, ek maala roj dookaanaka bhaada़a thaa. log usako jaan gaye the, isaliye dookaan kholate hee graahak a jutate the aur usake phool khareed le jaate the. jahaan phoolonke daam chaar aane hue ki vah dookaan band karake bache hue saare phool paasake bhagavaan‌ke mandiramen chadha़a aata thaa. prati poornimaako vah paidal daaoojee jaaya karata thaa. daaoojee usake gharase baarah kos hain. vah chaturdasheeke praatahkaal jaata, sandhyaako daaoojee pahunch jaata, poornimaako vahaan thaharata aur pratipadaako sabere chalakar shaamako ghar laut aata thaa.

dheere-dheere usaka chitt daaoojeeke svaroopamen lagane laga, ek din poornimaakee sandhyaako vah shreedaaoojeeke mandirakee jhaankee karake ek konemen baith gaya aur daaoojeeka dhyaan karane lagaa. kuchh hee kshanonmen usakee chittavritti dhyeyaakaar ban gayee aur use apane shareeraka tanik bheebhaan n rahaa. daivayogase ooparake aalemen rakhee huee deepakakee battee jhada़kar usake saaphepar gir pada़ee aur saaphemense dhooaan nikalane lagaa. lagabhag do ghantetak saaphese dhooaan nikalata raha antamen jab aag chamakane lagee, tab ek manushyane aagako dekhaa. us manushyane pujaareejeeko aavaaj dee. pujaareejeene dauda़kar ek lakada़eese saapha gira diyaa. saapha praayah jal hee gaya tha, parantu chetaako kuchh bhee pata naheen thaa. pujaareene dekha to usake siraka ek bhee baal naheen jala thaa. log aashchary karane lage. cheta dhyaanamagn thaa. jab bahut der baad chetaako baahyajnaan hua, tab logonne jala hua saapha dikhaaya aur poochhaa- 'kya tujhe saapha jalaneka kuchh bhee pata naheen hai?' usane kahaa—'naheen, kuchh bhee pata naheen hai. main to daaoojeeke darshan kar raha tha, vahaan daaoojee the aur main tha, teesara koee tha - hee naheen, mujhe bada़a hee aanand a raha thaa. mujhe pata naheen -kab aag lagee aur kab saapha sirase utaara gayaa!' chetaakee bhakti dinondin badha़tee gayee aur vah bhagavaan‌ka bada़a pyaara bhakt ho gayaa.

551 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
How To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With LoveWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee



Bhajan Lyrics View All

अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ

New Bhajan Lyrics View All

झूठी दुनिया से मन को हटा के प्रभु
भज रामसिया भज रामसिया भज रामसिया
मन में बसी है मैया मेरे एक छोरी,
अति की मलूक रंग रूप की है गोरी...
भादो का मेला सुहाना लगता है,
भक्तो का तो दिल दीवाना लगता है,
बजती है ढोलक बजाने वाला चहिये,
आती है लक्ष्मी माँ बुलाने वाला चाहिए,
गौरी के सूत प्यारे गजानन, तुमको मनाते