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सुबह सुबह जो नाम जपेगा शिव भोले भंडारी का,
माँ गौरा पल में हरण करेगी मन की चिंता सारी का...

सुबह सुबह जो नाम जपेगा शिव भोले भंडारी का,
माँ गौरा पल में हरण करेगी मन की चिंता सारी का...


औघड़ दानी नाम पड़ा है सबके दाता भोले का,
जोड़ कै नाता दास बनेगा जो भी विधाता भोले का,
अमृत वर्षा कर देता है प्यार मेरे गंगधारी का...

ब्रह्मा विष्णु से भी पहले शिव जी बिगड़ी बनाते है,
उनकी बिगड़ी बनती है जो सच्ची प्रीत लगाते है,
सुखद संदेशा आ जाता है नंदी बैल सवारी का...

कमल सिंह जल सुमिरन कर लो देर कही ना हो जाए,
बंदा वही काम का है जो शिव भक्ति में खो जाए,
ज्यादा मोह ना अच्छा होता झूठी दुनियादारी का...

सुबह सुबह जो नाम जपेगा शिव भोले भंडारी का,
माँ गौरा पल में हरण करेगी मन की चिंता सारी का...




subah subah jo naam japega shiv bhole bhandaari ka,
ma gaura pal me haran karegi man ki chinta saari kaa...

subah subah jo naam japega shiv bhole bhandaari ka,
ma gaura pal me haran karegi man ki chinta saari kaa...


aughad daani naam pada hai sabake daata bhole ka,
jod kai naata daas banega jo bhi vidhaata bhole ka,
amarat varsha kar deta hai pyaar mere gangdhaari kaa...

brahama vishnu se bhi pahale shiv ji bigadi banaate hai,
unaki bigadi banati hai jo sachchi preet lagaate hai,
sukhad sandesha a jaata hai nandi bail savaari kaa...

kamal sinh jal sumiran kar lo der kahi na ho jaae,
banda vahi kaam ka hai jo shiv bhakti me kho jaae,
jyaada moh na achchha hota jhoothi duniyaadaari kaa...

subah subah jo naam japega shiv bhole bhandaari ka,
ma gaura pal me haran karegi man ki chinta saari kaa...




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