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बाबा प्रेम की होली है,
श्याम संग खेलूं होली उन्हें रंग जो लगाना है...

बाबा प्रेम की होली है,
श्याम संग खेलूं होली उन्हें रंग जो लगाना है...


प्रेम की डोरी बाँध कर उसे बसा लूंगा मन में,
ऐसा रंग लगाऊं मैं जो ना छूटे जीवन में,
प्रेम की डोरी बाँध कर उसे बसा लूंगा मन में,
उस खाटू वाले का उस लीले वाले का,
मेरा दिल तो क्या सारा जग ये दीवाना है...

ब्रिज की होली देखि हमने बाबा सौ सौ बार,
इस बरस होली खेले हम तेरे संग सरकार,
अपनों को छोड़ा है सारी दुनिया छोड़ी है,
अब तो मेरा मन कहे बस खाटू जाना है...

सबकी होली रंग भरी ये बाबा कर देता है,
जो भी इसके रंग रंगे ये साथ हमेशा देता है,
पुष्पेंद्र प्रभु है तेरा रागी है श्याम तेरी,
तेरी रहमतों से बाबा अनमोल खज़ाना है...

बाबा प्रेम की होली है,
श्याम संग खेलूं होली उन्हें रंग जो लगाना है...




baaba prem ki holi hai,
shyaam sang kheloon holi unhen rang jo lagaana hai...

baaba prem ki holi hai,
shyaam sang kheloon holi unhen rang jo lagaana hai...


prem ki dori baandh kar use basa loonga man me,
aisa rang lagaaoon mainjo na chhoote jeevan me,
prem ki dori baandh kar use basa loonga man me,
us khatu vaale ka us leele vaale ka,
mera dil to kya saara jag ye deevaana hai...

brij ki holi dekhi hamane baaba sau sau baar,
is baras holi khele ham tere sang sarakaar,
apanon ko chhoda hai saari duniya chhodi hai,
ab to mera man kahe bas khatu jaana hai...

sabaki holi rang bhari ye baaba kar deta hai,
jo bhi isake rang range ye saath hamesha deta hai,
pushpendr prbhu hai tera raagi hai shyaam teri,
teri rahamaton se baaba anamol khazaana hai...

baaba prem ki holi hai,
shyaam sang kheloon holi unhen rang jo lagaana hai...




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