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मुसीबत में साथी श्याम सरकार था, श्याम सरकार था,
आज भी है और कल भी रहेगा...

मुसीबत में साथी श्याम सरकार था, श्याम सरकार था,
आज भी है और कल भी रहेगा...


लाचार था टुकड़ों को मैं दर दर फिरता मारा मारा,
जिनको अपना समझा सभी अपनों ने किया किनारा,
श्याम पे भरोसा मेरा तब भी बरकरार था, तब भी बरकरार था,
आज भी है और कल भी रहेगा...

जीएवं नैया मेरी भवर में खाये डगमग डोले,
बड़ी दूर किनारा था फांसी लहरों में खाये हिचकोले,
एक ही सहारा श्याम नाम पतवार था, नाम पतवार था,
आज भी है और कल भी रहेगा...

जब बाबा कृपा करें अमावस बन जाए पूरणमासी,
दर्शन की आस  लिए श्याम दर खड़ा कृष्ण बृजवासी,
तेरा गुणगान मेरा यही कारोबार था, यहॉ कारोबार था,
आज भी है और कल भी रहेगा...

मुसीबत में साथी श्याम सरकार था, श्याम सरकार था,
आज भी है और कल भी रहेगा...




museebat me saathi shyaam sarakaar tha, shyaam sarakaar tha,
aaj bhi hai aur kal bhi rahegaa...

museebat me saathi shyaam sarakaar tha, shyaam sarakaar tha,
aaj bhi hai aur kal bhi rahegaa...


laachaar tha tukadon ko maindar dar phirata maara maara,
jinako apana samjha sbhi apanon ne kiya kinaara,
shyaam pe bharosa mera tab bhi barakaraar tha, tab bhi barakaraar tha,
aaj bhi hai aur kal bhi rahegaa...

jeeevan naiya meri bhavar me khaaye dagamag dole,
badi door kinaara tha phaansi laharon me khaaye hichakole,
ek hi sahaara shyaam naam patavaar tha, naam patavaar tha,
aaj bhi hai aur kal bhi rahegaa...

jab baaba kripa karen amaavas ban jaae pooranamaasi,
darshan ki aas  lie shyaam dar khada krishn barajavaasi,
tera gunagaan mera yahi kaarobaar tha, yah kaarobaar tha,
aaj bhi hai aur kal bhi rahegaa...

museebat me saathi shyaam sarakaar tha, shyaam sarakaar tha,
aaj bhi hai aur kal bhi rahegaa...




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