⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

सबसे भयंकर शत्रु - आलस्य  [आध्यात्मिक कहानी]
हिन्दी कथा - Spiritual Story (हिन्दी कथा)

पुरानी बात है। एक पूर्वजन्मका स्मरण करने वाला - जातिस्मर ऊँट था। वह वनमें रहकर कठोर नियमों का पालन करता हुआ तप कर रहा था। उसकी तपस्या पूरी होनेपर ब्रह्माजीने उसे वर माँगने को कहा। वह ऊँट स्वभावसे बड़ा आलसी था उसने वर माँगा'भगवन्! मेरी गर्दन सौ योजनकी हो जाय जिसमें मँ उतनी दूरतककी घास एक जगहसे बैठे-बैठे ही चर सकूँ।' ब्रह्माजी भी 'तथास्तु' कहकर चल दिये। अब क्या था, वह आलसी ऊँट कहीं चरने नहीं जाता और एक ही जगह बैठा रहकर भोजन कर लेता था।एक बार वह अपनी सौ योजन लंबी गर्दन फैलाये कहीं निश्चिन्त घूम रहा था। इतनेमें बड़े जोरोंकी आँधी आयी और घोर वृष्टि भी शुरू हो गयी। अब उस मूर्ख पशुने अपने सिर और गर्दनको एक कन्दरामें घुसेड़ दिया। उसी समय उस आँधी और जलवृष्टिसे आक्रान्त एक गीदड़ अपनी गीदड़ीके साथ उस गुफामें शरण लेने आया। वह मांसाहारी श्रृंगाल सर्दी, भूख और थकानसे पीड़ित था। वहाँ उसने ऊँटकी गर्दन देखी औरझट उसीको खाना आरम्भ कर दिया। जब उस आलसी, बुद्धिहीन ऊँटको इसका पता चला, तब दुःखसे अपने सिरको इधर-उधर हिलाने लगा। उसने अपनी गर्दन निकालनेका प्रयत्न किया पर वह सफल न हो सका। गीदड़-गीदड़ीने भरपेट उसका मांस खाया और परिणामस्वरूप ऊँटकी मृत्यु हो गयी।

-जा0 श0

( महाभारत, शान्तिपर्व, अध्याय 112)



You may also like these:

हिन्दी कहानी समताका भाव
हिन्दी कहानी रोगी कौन नहीं है
हिन्दी कहानी बलिप्रथा अधर्म है
हिन्दी कहानी ज्ञानपिपासु
हिन्दी कहानी ईश्वरका सच्चा भक्त
हिन्दी कहानी सभ्यता
हिन्दी कहानी संतकी एकान्तप्रियता


sabase bhayankar shatru - aalasya

puraanee baat hai. ek poorvajanmaka smaran karane vaala - jaatismar oont thaa. vah vanamen rahakar kathor niyamon ka paalan karata hua tap kar raha thaa. usakee tapasya pooree honepar brahmaajeene use var maangane ko kahaa. vah oont svabhaavase bada़a aalasee tha usane var maangaa'bhagavan! meree gardan sau yojanakee ho jaay jisamen man utanee dooratakakee ghaas ek jagahase baithe-baithe hee char sakoon.' brahmaajee bhee 'tathaastu' kahakar chal diye. ab kya tha, vah aalasee oont kaheen charane naheen jaata aur ek hee jagah baitha rahakar bhojan kar leta thaa.ek baar vah apanee sau yojan lanbee gardan phailaaye kaheen nishchint ghoom raha thaa. itanemen bada़e joronkee aandhee aayee aur ghor vrishti bhee shuroo ho gayee. ab us moorkh pashune apane sir aur gardanako ek kandaraamen ghuseda़ diyaa. usee samay us aandhee aur jalavrishtise aakraant ek geedada़ apanee geedada़eeke saath us guphaamen sharan lene aayaa. vah maansaahaaree shrringaal sardee, bhookh aur thakaanase peeda़it thaa. vahaan usane oontakee gardan dekhee aurajhat useeko khaana aarambh kar diyaa. jab us aalasee, buddhiheen oontako isaka pata chala, tab duhkhase apane sirako idhara-udhar hilaane lagaa. usane apanee gardan nikaalaneka prayatn kiya par vah saphal n ho sakaa. geedada़-geedada़eene bharapet usaka maans khaaya aur parinaamasvaroop oontakee mrityu ho gayee.

-jaa0 sha0

( mahaabhaarat, shaantiparv, adhyaay 112)

344 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCONWhy Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee



Bhajan Lyrics View All

राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार

New Bhajan Lyrics View All

आँगने में बधैया बाजे,
आँगने में बधैया बाजे
मैं सब देवा ने छोड़ रामसा ने ध्यावा,
म्हारे मनड़े री वीणा पर थारा गुण गावा,
हित तो कीजे कमल नयन सौ,
या हित आगे सब हित लागे फीको,
जय गणेश, जय जय गणेश, जय जय गणेश देवा...
मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े,
वीर वीर बोल तेरा क्या बिगड़े,