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'स्वर्ग ही हाथसे निकल जायगा'  [Story To Read]
Story To Read - हिन्दी कहानी (प्रेरक कहानी)

यूरोपके इतिहासमें मार्टिन लूथरका नाम स्वर्णाक्षरोंमें अङ्कित है। वे अपने समयके बहुत बड़े आध्यात्मिक नेता थे; उन्होंने मध्यकालीन यूरोपमें धार्मिक क्रान्ति की थी। यूरोपियन राजाओं और सामन्तोंकी दृष्टिमें वे बड़े सम्मानित व्यक्ति थे।

एक समयकी बात है। लूथर डाउगरकी रानीके साथ भोजन कर रहे थे। रानीने उनके कार्योंकी प्रशंसाकी और कहा कि 'बड़ा अच्छा हो यदि आप आनेवाले चालीस वर्षोंतक जीवित रहें ।'

‘महोदया! मैं समझता हूँ कि यदि मैं चालीस सालतक और जीवित रहा तो इतने समयमें मेरे हाथसे स्वर्ग ही निकल जायगा ।' लूथरके शब्द थे । रानी महात्मा लूथरके उद्गारसे स्तब्ध हो गयी।

- रा0 श्री0



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'svarg hee haathase nikal jaayagaa'

yooropake itihaasamen maartin lootharaka naam svarnaaksharonmen ankit hai. ve apane samayake bahut bada़e aadhyaatmik neta the; unhonne madhyakaaleen yooropamen dhaarmik kraanti kee thee. yooropiyan raajaaon aur saamantonkee drishtimen ve baड़e sammaanit vyakti the.

ek samayakee baat hai. loothar daaugarakee raaneeke saath bhojan kar rahe the. raaneene unake kaaryonkee prashansaakee aur kaha ki 'bada़a achchha ho yadi aap aanevaale chaalees varshontak jeevit rahen .'

‘mahodayaa! main samajhata hoon ki yadi main chaalees saalatak aur jeevit raha to itane samayamen mere haathase svarg hee nikal jaayaga .' lootharake shabd the . raanee mahaatma lootharake udgaarase stabdh ho gayee.

- raa0 shree0

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