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दरबार तेरा सांवरे छूटे कभी नहीं,
आता रहूं ये सिलसिला टूटे कभी नहीं...

दरबार तेरा सांवरे छूटे कभी नहीं,
आता रहूं ये सिलसिला टूटे कभी नहीं...


साँसे चले ये जब तलाक आता रहूं यहाँ,
कदमो में तेरे सांवरे बसता मेरा जहान,
अरमानो की ये डोरिया टूटे कभी नहीं,
आता रहूं ये सिलसिला टूटे कभी नहीं...

इस झूठी दुनियादारी की अब चाह ना मुझे,
चाहे रूठ जाए जग कोई परवाह ना मुझे,
पर मुझसे मेरा सांवरा रूठे कभी नहीं,
आता रहूं ये सिलसिला टूटे कभी नहीं...

मेरे सांवरे पसंद मुझे तेरी ये बंदगी,
तेरे नाम के सहारे है कुंदन ये ज़िन्दगी,
ये अपनी प्रेम गागरी फूटे कभी नहीं,
आता रहूं ये सिलसिला टूटे कभी नहीं...

दरबार तेरा सांवरे छूटे कभी नहीं,
आता रहूं ये सिलसिला टूटे कभी नहीं...




darabaar tera saanvare chhoote kbhi nahi,
aata rahoon ye silasila toote kbhi nahi...

darabaar tera saanvare chhoote kbhi nahi,
aata rahoon ye silasila toote kbhi nahi...


saanse chale ye jab talaak aata rahoon yahaan,
kadamo me tere saanvare basata mera jahaan,
aramaano ki ye doriya toote kbhi nahi,
aata rahoon ye silasila toote kbhi nahi...

is jhoothi duniyaadaari ki ab chaah na mujhe,
chaahe rooth jaae jag koi paravaah na mujhe,
par mujhase mera saanvara roothe kbhi nahi,
aata rahoon ye silasila toote kbhi nahi...

mere saanvare pasand mujhe teri ye bandagi,
tere naam ke sahaare hai kundan ye zindagi,
ye apani prem gaagari phoote kbhi nahi,
aata rahoon ye silasila toote kbhi nahi...

darabaar tera saanvare chhoote kbhi nahi,
aata rahoon ye silasila toote kbhi nahi...




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