Category: Bhakti Poetry

नवनीत गुलाब से कोमल है ‘हठी’ कंज को मंजुलता इन में

नवनीत गुलाब से कोमल है ‘हठी’ कंज को मंजुलता इन में ।गुललाला गुलाल प्रबाल जपा छबि ऐसी न देखी ललाइन में ॥मुनि मानस मंदिर मध्य […]

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आपकी ओर की चाहैं लिखी, लिखि जात कथा उत मोहन ओर की

आपकी ओर की चाहैं लिखी, लिखि जात कथा उत मोहन ओर की ।प्यारी दया करि वेगि मिलो, सहिजात व्यथा नहि मैंनमरोर की ॥आपुहिं बाँचत अंग […]

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मेरो स्वभाव चितैवे को माई री, लाल निहारि कै बंसी बजाई

मेरो स्वभाव चितैवे को माई री, लाल निहारि कै बंसी बजाई ।बा दिन सों मोहिं लागो ठगौरी सी लोग कहैं लखि बाबरी आई ॥यों ‘रसखानि’ […]

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काहे को वैद बुलावत हो, मोहि रोग लगाय के नारि गहो रे

काहे को वैद बुलावत हो, मोहि रोग लगाय के नारि गहो रे ।हे मधुहा मधुरी मुसकान निहारे बिना, कहो कैसो जियो रे ॥चन्दन लाय कपूर […]

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राधिका कान्ह को ध्यान धरैं, तब कान्ह ह्वै राधिका के गुण गावैं

राधिका कान्ह को ध्यान धरैं, तब कान्ह ह्वै राधिका के गुण गावैं ।त्यों अँसुवा बरसैं बरसाने को पाती लिखैं लिखि राधे को ध्यावैं ॥राधे ह्वै […]

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सावन तीज सुहावन कों सखि, सोहैं दुकूल सवै सुख साधा

सावन तीज सुहावन कों सखि, सोहैं दुकूल सवै सुख साधा ।देखे बनैं कहते न बनैं, उमगै उर में अनुराग अबाधा ॥प्रेम के हेम हिंडोरन में, […]

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सांवरी राधिका मान कियो परि पांयन गोरे गोविन्द मनावत

सांवरी राधिका मान कियो परि पांयन गोरे गोविन्द मनावत ।नैन निचौहे रहं उनके नहीं बैन बिनै के नये कहि आवत ॥हारी सखी सिख दै ‘रतनाकर’ […]

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