इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊंगा।
अब और दुआ दी तो मर जाऊंगा।।
ज़िन्दगी मैं तो मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का।
तू जहां कहेगी उतर जाऊंगा।।
Ras of Braj / Vrindavan
इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊंगा।
अब और दुआ दी तो मर जाऊंगा।।
ज़िन्दगी मैं तो मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का।
तू जहां कहेगी उतर जाऊंगा।।