इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊंगा

इतना टूटा हूँ कि छूने से बिखर जाऊंगा।

अब और दुआ दी तो मर जाऊंगा।।

ज़िन्दगी मैं तो मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का।

तू जहां कहेगी उतर जाऊंगा।।