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LIVE Bhajan Sandhya by Govind Bhargava Ji At Kota and Garhiwal in September 2014 [Full]

Latest Bhajan Sandhya Kota Part-1 By Govind Bhargava Ji

Latest Bhajan Sandhya Kota Part- 2 by Govind Bhargav Ji

Bhajan Sandhya by Govind Bhargav Ji from Garhiwal Part -1

Bhajan Sandhya by Govind Bhargav Ji from Garhiwal Part -2

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God



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वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा

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गोविंद हरे गोपाल हरे,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे,
बमम बमम, बमम बमम, बम भोले,
शीश गंग अरधंग पार्वती सदा विराजे शिव
सतगुरु ले चलो अपने साथ,
अकेली मैं घबराऊँगी॥
सखी दोष नहीं मनमोहन का,
वह बांस बुरे जिनकी बंसी,
आओ जी आओ गुरुदेव,
म्हारे आंगणा,