Geeta Pravachan By Shri Pundrik Goswamiji Maharaj in March 2014 at Delhi
Contents of this list:
A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
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ओ बाबा...
ओ बाबा तुमसे नहीं है कोई शिकवा गिला,