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नंदलाल गोपाल दया करके, रख चाकर अपने द्वार मुझे।
धन दौलत और किसी को दे, बस देदे अपना प्यार मुझे॥

नंदलाल गोपाल दया करके, रख चाकर अपने द्वार मुझे।
धन दौलत और किसी को दे, बस देदे अपना प्यार मुझे॥

तन मन का ना चाहे होश रहे,
तेरा नाम ना विसरे भूले से।
तेरे ध्यान में इतना खो जाऊँ,
पागल समझे संसार मुझे॥

मैं निर्धन और गोकुल और मथुरा,
तेरे दर्शन को ना जा संकुं।
जब अपने मन में झाँकूँ मैं,



nandlal gopal dya karke rakh chakar apne dvar mujhe

nandalaal gopaal daya karake, rkh chaakar apane dvaar mujhe
dhan daulat aur kisi ko de, bas dede apana pyaar mujhe..


tan man ka na chaahe hosh rahe,
tera naam na visare bhoole se
tere dhayaan me itana kho jaaoon,
paagal samjhe sansaar mujhe..

mainnirdhan aur gokul aur mthura,
tere darshan ko na ja sankun
jab apane man me jhaankoon main,
ho jaae tera deedaar mujhe..

nandalaal gopaal daya karake, rkh chaakar apane dvaar mujhe
dhan daulat aur kisi ko de, bas dede apana pyaar mujhe..




nandlal gopal dya karke rakh chakar apne dvar mujhe Lyrics

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अपनी वाणी में अमृत घोल
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फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
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