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ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं ।
यही सद् ग्रंथ कहते  हैं, यही हरि भक्त गाते हैं ॥

ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं ।
यही सद् ग्रंथ कहते  हैं, यही हरि भक्त गाते हैं ॥

नहीं स्वीकार करते हैं, निमंत्रण नृप सुयोधन का ।
विदुर के घर पहुँचकर भोग छिलकों का लगाते हैं ॥

न आये मधुपुरी से गोपियों की दु:ख व्यथा सुनकर।
द्रुपदजा की दशा पर, द्वारका से दौड़े आते हैं ॥

न रोये बन गमन में श्री पिता की वेदनाओं पर ।
उठा कर गीध को निज गोद में आँसु बहाते हैं ॥

कि जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं ।
यही सद् ग्रंथ कहते  हैं, यही हरि भक्त गाते हैं ॥

नहीं स्वीकार करते हैं, निमंत्रण नृप दुर्योधन का ।
विदुर के घर पहुँचकर, भोग छिलकों का लगाते हैं ॥

न आये मधुपुरी से गोपियों की, दु: ख कथा सुनकर ।
द्रुपदजा की दशा पर,  द्वारका से दौड़े  आते हैं ॥

न रोये बन गमन में , श्री पिता की वेदनाओं पर ।
उठा कर गीध को निज गोद में , आँसु बहाते हैं ॥

कठिनता से चरण धोकर मिले कुछ बिन्दु विधि हर को ।
वो चरणोदक स्वयं केवट के घर जाकर लुटाते हैं ॥



na jane kaun se gun par dayanidhi reejh jate hain yahi sad granth kehte hain yahi hari bhakt gaaye hain

na jaane kaun se gun par, dayaanidhi reejh jaate hain
yahi sad granth kahate  hain, yahi hari bhakt gaate hain ..


nahi sveekaar karate hain, nimantrn narap suyodhan kaa
vidur ke ghar pahunchakar bhog chhilakon ka lagaate hain ..

n aaye mdhupuri se gopiyon ki du:kh vytha sunakar
drupadaja ki dsha par, dvaaraka se daude aate hain ..

n roye ban gaman me shri pita ki vedanaaon par
utha kar geedh ko nij god me aansu bahaate hain ..

ki jaane kaun se gun par, dayaanidhi reejh jaate hain
yahi sad granth kahate  hain, yahi hari bhakt gaate hain ..

nahi sveekaar karate hain, nimantrn narap duryodhan kaa
vidur ke ghar pahunchakar, bhog chhilakon ka lagaate hain ..

n aaye mdhupuri se gopiyon ki, du: kh ktha sunakar
drupadaja ki dsha par,  dvaaraka se daude  aate hain ..

n roye ban gaman me , shri pita ki vedanaaon par
utha kar geedh ko nij god me , aansu bahaate hain ..

kthinata se charan dhokar mile kuchh bindu vidhi har ko
vo charanodak svayan kevat ke ghar jaakar lutaate hain ..

na jaane kaun se gun par, dayaanidhi reejh jaate hain
yahi sad granth kahate  hain, yahi hari bhakt gaate hain ..




na jane kaun se gun par dayanidhi reejh jate hain yahi sad granth kehte hain yahi hari bhakt gaaye hain Lyrics

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