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गोपी गीत

Guruvayur Sreemad Bhagavatha Maha Sathram 04.04.13 3.pm

Gopi Geet Katha Part 4 By Shri Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.

Gopi Geet Katha Part 13 By Shri Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.

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Guruvayur Sreemad Bhagavatha Maha Sathram 04.04.13 3.pm
Gopi Geet Katha Part 4 By Shri Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.
Gopi Geet Katha Part 13 By Shri Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.
28 जनवरी 2016

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से

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जय राम भक्त हनुमान जय पवन पुत्र हनुमान
जय राम भक्त हनुमान जय पवन पुत्र
थोड़ा देती है,
या ज्यादा देती है,
मेरे बन जाए बिगड़े
गजानंद तेरे आने से
रंग रंगीलो, छैल छबीलो,
सांवरियो है म्हारो,
मईया जी दे, दर ते मैं, जा आई आँ
वेख के भवन नाले, करके दीदार ओहदे ,