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Shreemad Bhagwat Katha By Avdheshanand Giriji Maharaj in January 2015 At Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 1) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 2) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 3) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 4) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 5) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 6) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 7) Chennai

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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav DevoteeWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?How To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti



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सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है

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ऐहसान तेरा कैसे उतारे,
जीते है बाबा हम तो तेरे सहारे,
मस्ती में रहते मेरे भोले मस्ती में,
हर पल ध्यान में मगन में रहते ऐसे मेरे
मैं क्या जानू मेरे रघुराई,
तू जाने मेरी किस में भलाई
हाथ जोड़ कर करूँ मैं विनती,
सांवरिया सरकार,
दिल के सौदे किए नहीं जाते
हो प्यार होता तो श्याम चले आते...