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Swami Sukhabodhananda

Living Consciously - Handling Inner Conflict (Bhagavad Gita Vol. 1 & 2)

GURU PURNIMA 2014 PART 1

Discourse by Shri Swami Sukhabodhanandaji at Christ University

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Living Consciously - Handling Inner Conflict (Bhagavad Gita Vol. 1 & 2)
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Discourse by Shri Swami Sukhabodhanandaji at Christ University

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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How To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of BhaktiKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti



Bhajan Lyrics View All

मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी

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थारा झालरिया में कोयलिया रो शोर बोले
म्हारी रनुबाई थारा आंगनिया मैं मोर
भोले को मेरे क्रोध जो आता है,
शिव शंकर के क्रोध को कोई,
सलोने श्याम को जब देखूं दुनिया भूल
नज़र हटती नहीं सारी तमन्ना भूल जाती
मुझे राधारमण तेरो सहारा,
चले आओ.. नहीं तुम बिन गुजारा,
जिंदगी उदास रहती है, तेरे मिलन की आस
तुम आओ तो कोई बात बने, मुझे तो तेरी ही