Shri Hit Vrindavan Bhav Utsav ( Holi Utsav ) By Shree Hita Ambrish ji in Feburary 2015 at Hisar
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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
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चाँद से सुन्दर मुखड़ा जिसका,
आँखें अमृत की प्याली,
संत जोसेफ येसु के पालनहार,
तेरी स्तुति करते हैं हम,
उड़ते रंग गुलाल लाल और उड़ते रंग
चलो खाटू बुलावे सांवरिया...
बन परदेसिया जे गइला शहर तू,
बिसरा के लोग आपन गाँव के घर तू,
जरा धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले,