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Shree Jaidev Ji Bhaktmaal Katha By Shree Hita Ambrish ji in Shree Sanatan Dharam Mandir Samiti, Sector 39 Noida, on Date 25 Feb to 28 Feb 2016.

Shree Jaidev Ji Bhaktmaal Katha Part 1 By Shri Hita Ambrish ji in Sec-39, Noida.

Shree Jaidev Ji Bhaktmaal Katha Part 2 By Shri Hita Ambrish ji in Sec-39, Noida.

Shree Jaidev Ji Bhaktmaal Katha Part 3 By Shri Hita Ambrish ji in Sec-39, Noida.

Shree Jaidev Ji Bhaktmaal Katha Part 4 By Shri Hita Ambrish ji in Sec-39, Noida.

Shree Jaidev Ji Bhaktmaal Katha Part 5 By Shri Hita Ambrish ji in Sec-39, Noida.

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Shree Jaidev Ji Bhaktmaal Katha Part 2 By Shri Hita Ambrish ji in Sec-39, Noida.
Shree Jaidev Ji Bhaktmaal Katha Part 3 By Shri Hita Ambrish ji in Sec-39, Noida.
Shree Jaidev Ji Bhaktmaal Katha Part 4 By Shri Hita Ambrish ji in Sec-39, Noida.
Shree Jaidev Ji Bhaktmaal Katha Part 5 By Shri Hita Ambrish ji in Sec-39, Noida.

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हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं

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रामनाम गुण गायेजा, श्यामनाम गुण
सुमिरण करले ध्यान लागाले,जीवन सफल
तुम दिल की धड़कन में रहती हो मां रहती
आ श्यामा सानु लोहड़ी दें, ज्यादा दे
मेरी डाल दो भावरिया भोले जी के
भोले जी के संग, जटा धारी जी के
शिव आए यशोदा के द्वार मात मोहे दर्शन
अभी सोया हुआ है नंदलाल बाबा ले भीख ले