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Nand Utsav (Bhajan Sandhya) By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.

Nand Utsav (Bhajan Sandhya) Part 1 By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.

Nand Utsav (Bhajan Sandhya) Part 2 By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.

Nand Utsav (Bhajan Sandhya) Part 3 By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.

Nand Utsav (Bhajan Sandhya) Part 4 By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.

Nand Utsav (Bhajan Sandhya) Part 5 By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.

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Nand Utsav (Bhajan Sandhya) Part 1 By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.
Nand Utsav (Bhajan Sandhya) Part 2 By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.
Nand Utsav (Bhajan Sandhya) Part 3 By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.
Nand Utsav (Bhajan Sandhya) Part 4 By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.
Nand Utsav (Bhajan Sandhya) Part 5 By Shree Hita Ambrish ji in Iskcon Mandir, New Delhi.

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श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया

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दो नारीन के बीच गजानन एसो फस गयो रे॥
आनंद के दाता हैं गजानन,
आनंद के दाता,
तू भज ले राम नाम अर्जेंट,
आना जाना यहां निरंतर कोई ना परमानेंट,
भक्ति के रंग में रंगे हनुमान नज़र आये,
चीर दिया सीना सियाराम नजर आए,
हारा वाले दा द्वारा बड़ा प्यारा लगदा,
प्यारा लगदा, द्वारा बड़ा प्यारा लगदा,