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हनुमान्जीकी अनुपम कृपा

दिनांक ८ दिसम्बर दिन मंगलवारको मुझे बजरंगबलीको कृपाका प्रत्यक्ष अनुभव हुआ। मेरा वर्तमान निवास स्थान लखनऊमें है तथा पैतृक स्थान ग्राम यूरोपुर जिला बलरामपुर है। हमने दिनांक ८ दिसम्बर २०२० मंगलवारको अपने पैत्रिक स्थानके लिये प्रातः काल ९ बजे लखनऊसे प्रस्थान किया। मुझे अगले दिन होनेवाले एक विवाह समारोह में सम्मिलित होना था। प्रत्येक मंगलवारकी भाँति सपरिवार हमारे द्वारा बजरंगबलीको आराधना की गयी। हमारी धर्मपत्नी प्रत्येक मंगलवारको व्रत रखती हैं।'

हम लोग कारसे यात्रा कर रहे थे। कारमें मेरे साथ पत्नीसहित पाँच लोग थे। कारका संचालन मैं स्वयं कर रहा था। शीतकाल होनेके कारण ठण्ड अधिक थी। हम लोग धीरे-धीरे अपने गंतव्य स्थानकी ओर बढ़ने लगे।

लखनऊसे लगभग ९० किलोमीटर चलनेपर करनैलगंजके पास कारमें खराबी आनेके कारण गाड़ी बन्द हो गयी। कारका बोनट खोलनेपर पाया कि इंजन काफी गरम हो गया था। स्थानीय निवासियोंसे पूछनेपर ज्ञात हुआ कि यहाँसे ३ से ४ किलोमीटरपर एक वर्कशाप है, जहाँ गाड़ीकी मरम्मत हो सकती है। इंजन ठण्डा होनेके पश्चात् मैं धीरे-धीरे कारको गैरेजतक ले गया।

वहाँपर कारको मरम्मत के लिये कुछ पुर्जे गटा लाने पड़े, जो करनैलगंजसे ३० किलोमीटर दूर था। अतः अधिक विलम्ब हुआ। कार ठीक होनेके पश्चात् हम लोग गोंडाकी ओर अग्रसर हुए।

मनकापुरसे लगभग १५ किलोमीटर पहले बजाज चीनी मिलके पास भयंकर जाम लगा हुआ था। मैं किसी प्रकारसे कारको लगभग १ किलोमीटरतक ले गया। परंतु अब जामके कारण कार आगे नहीं बढ़ पा रही थी। पूछने पर पता लगा कि अभी ३ किलोमीटरका जाम और पार करना है। ऐसी विषम परिस्थितिमें हम लोग हनुमानूजीसे कातर स्वरमें याचना करने लगे।

तभी सड़क के किनारे पानकी दुकानपर एक सज्जनदिखायी दिये। मैं कार छोड़कर उनके पास गया एवं उनको अपनी समस्या बतायी। उन्होंने कहा कि किसी तरह अपनी कार रोडसे दाहिने नीचे उतार लें और मेरी बाइकके पीछे चलते आयें। मैं आपको जामसे बचाकर मनकापुर पहुँचनेका मार्ग बता दूँगा।

मैंने कार किसी तरह रोडके दाहिने सड़क से नीचे उतार ली और उन सज्जनकी बाइकके पीछे कार ड्राइव करने लगा। मुझे केवल बाइककी लाल बत्ती दिख रही थी। दायें-बायें कुछ नहीं दिख रहा था। धर्मपत्नीने धीरेसे मुझसे कहा कि 'हम लोग इस अनजान व्यक्तिपर कैसे विश्वास कर लें ? यह हमें धोखा भी दे सकता है। मैं और मेरी देवरानी दोनों लोग सोनेके आभूषण भी पहने हुए हैं।' फिर भी मैं हनुमान्जीका ध्यान करते हुए उनकी बाइकके पीछे कार चलाता रहा।

लगभग चार-पाँच किलोमीटरके बाद मैं एक पक्की चौड़ी सड़क पर आ गया। वहाँ उन सज्जनने यह कहकर विदा ली कि यह रोड सीधे आपको मनकापुर पहुँचा देगी, जो यहाँसे लगभग ९ किलोमीटर दूर है। मैं बजरंगबलीका स्मरण करते हुए कार धीरे-धीरे चला रहा था। कुछ भी ठीकसे दीख नहीं रहा था। लगभग १ घण्टे पश्चात् मैं मनकापुर पहुँच गया। रात्रिके लगभग साढ़े आठ बज चुके थे।

यहाँ हम सबने यह निर्णय लिया कि मनकापुरमें रात्रि-प्रवास करेंगे क्योंकि कोहरे एवं ठण्डके कारण अब आगे बढ़ना असम्भव था एवं मेरा गाँव लगभग २५ किलोमीटर दूर था।

रातमें हम लोग एक परिचितके माध्यम से एक गेस्ट हाउसमें रुके और अगले दिन प्रातः सकुशल गाँव पहुँचे एवं वैवाहिक कार्यक्रममें सपरिवार भाग लिया। इस प्रकार मैंने उस संकटमें अपने इष्टकी कृपाको प्रत्यक्ष अनुभूति की - को नहिं जानत है जगमें कपि संकटमोचन नाम तिहारो।

[ श्रीज्ञानेश्वरप्रसाद त्रिपाठी]



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hanumaanjeekee anupam kripaa

dinaank 8 disambar din mangalavaarako mujhe bajarangabaleeko kripaaka pratyaksh anubhav huaa. mera vartamaan nivaas sthaan lakhanaoomen hai tatha paitrik sthaan graam yooropur jila balaraamapur hai. hamane dinaank 8 disambar 2020 mangalavaarako apane paitrik sthaanake liye praatah kaal 9 baje lakhanaoose prasthaan kiyaa. mujhe agale din honevaale ek vivaah samaaroh men sammilit hona thaa. pratyek mangalavaarakee bhaanti saparivaar hamaare dvaara bajarangabaleeko aaraadhana kee gayee. hamaaree dharmapatnee pratyek mangalavaarako vrat rakhatee hain.'

ham log kaarase yaatra kar rahe the. kaaramen mere saath patneesahit paanch log the. kaaraka sanchaalan main svayan kar raha thaa. sheetakaal honeke kaaran thand adhik thee. ham log dheere-dheere apane gantavy sthaanakee or badha़ne lage.

lakhanaoose lagabhag 90 kilomeetar chalanepar karanailaganjake paas kaaramen kharaabee aaneke kaaran gaada़ee band ho gayee. kaaraka bonat kholanepar paaya ki injan kaaphee garam ho gaya thaa. sthaaneey nivaasiyonse poochhanepar jnaat hua ki yahaanse 3 se 4 kilomeetarapar ek varkashaap hai, jahaan gaada़eekee marammat ho sakatee hai. injan thanda honeke pashchaat main dheere-dheere kaarako gairejatak le gayaa.

vahaanpar kaarako marammat ke liye kuchh purje gata laane pada़e, jo karanailaganjase 30 kilomeetar door thaa. atah adhik vilamb huaa. kaar theek honeke pashchaat ham log gondaakee or agrasar hue.

manakaapurase lagabhag 15 kilomeetar pahale bajaaj cheenee milake paas bhayankar jaam laga hua thaa. main kisee prakaarase kaarako lagabhag 1 kilomeetaratak le gayaa. parantu ab jaamake kaaran kaar aage naheen badha़ pa rahee thee. poochhane par pata laga ki abhee 3 kilomeetaraka jaam aur paar karana hai. aisee visham paristhitimen ham log hanumaanoojeese kaatar svaramen yaachana karane lage.

tabhee sada़k ke kinaare paanakee dukaanapar ek sajjanadikhaayee diye. main kaar chhoda़kar unake paas gaya evan unako apanee samasya bataayee. unhonne kaha ki kisee tarah apanee kaar rodase daahine neeche utaar len aur meree baaikake peechhe chalate aayen. main aapako jaamase bachaakar manakaapur pahunchaneka maarg bata doongaa.

mainne kaar kisee tarah rodake daahine sada़k se neeche utaar lee aur un sajjanakee baaikake peechhe kaar draaiv karane lagaa. mujhe keval baaikakee laal battee dikh rahee thee. daayen-baayen kuchh naheen dikh raha thaa. dharmapatneene dheerese mujhase kaha ki 'ham log is anajaan vyaktipar kaise vishvaas kar len ? yah hamen dhokha bhee de sakata hai. main aur meree devaraanee donon log soneke aabhooshan bhee pahane hue hain.' phir bhee main hanumaanjeeka dhyaan karate hue unakee baaikake peechhe kaar chalaata rahaa.

lagabhag chaara-paanch kilomeetarake baad main ek pakkee chauda़ee sada़k par a gayaa. vahaan un sajjanane yah kahakar vida lee ki yah rod seedhe aapako manakaapur pahuncha degee, jo yahaanse lagabhag 9 kilomeetar door hai. main bajarangabaleeka smaran karate hue kaar dheere-dheere chala raha thaa. kuchh bhee theekase deekh naheen raha thaa. lagabhag 1 ghante pashchaat main manakaapur pahunch gayaa. raatrike lagabhag saadha़e aath baj chuke the.

yahaan ham sabane yah nirnay liya ki manakaapuramen raatri-pravaas karenge kyonki kohare evan thandake kaaran ab aage badha़na asambhav tha evan mera gaanv lagabhag 25 kilomeetar door thaa.

raatamen ham log ek parichitake maadhyam se ek gest haausamen ruke aur agale din praatah sakushal gaanv pahunche evan vaivaahik kaaryakramamen saparivaar bhaag liyaa. is prakaar mainne us sankatamen apane ishtakee kripaako pratyaksh anubhooti kee - ko nahin jaanat hai jagamen kapi sankatamochan naam tihaaro.

[ shreejnaaneshvaraprasaad tripaathee]

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