⮪ All भगवान की कृपा Experiences

माँ कामाख्याकी कृपासे प्राणरक्षा

यह घटना सन् २००० ई० की है। मैं हथकरघा प्रदर्शनीके सहकर्मीके रूपमें गौहाटी गया था। कुछ दिन काम करनेके बाद स्थानीय लोगोंसे ज्ञात हुआ कि समीप ही कामरूपपर्वतपर माता कामाख्याका विश्वविख्यात शक्तिपीठ है। अगले दिन अवकाश था, अतः मनमें दर्शनका संकल्प लेकर मैं कामरूपके लिये चल पड़ा। दर्शन-पूजनके बाद मैंने उस स्थानसे सम्बन्धित जानकारियाँ पण्डे-पुजारियों एवं स्थानीय लोगोंसे लेनेका प्रयत्न किया। उन लोगोंसे एक बात पता चली कि मन्दिरआनेके लिये मुख्य मार्गके अतिरिक्त एक पगडण्डी मार्ग भी हैं, जो बीचमें दो रास्तोंमें बँट जाता है। एक रास्ता मन्दिरकी ओर जाता है और दूसरा ब्रह्मपुत्रकी ओर चला जाता है। उस रास्तेसे जाकर पर्वतशिखरके ऊपरसे ब्रह्मपुत्रका दृश्य बड़ा ही मनोरम एवं दर्शनीय है।

मैं अपने कौतूहलको रोक न पाया और उस दुर्गम पहाड़ी रास्तेपर चल पड़ा। कुछ दूर चलनेके बाद ब्रह्मपुत्रकी धारा दिखायी देने लगी। मैं उस नयनाभिराम दृश्यको देखता हुआ पहाड़ीसे धीरे-धीरे नीचे उतरनेलगा । दृश्य देखने में मग्न होनेके कारण सहसा मेरा सन्तुलन बिगड़ गया और मैं फिसलकर लुढ़कने लगा। मैं लगातार लुढ़क रहा था और इसकी समाप्ति ब्रह्मपुत्रकी उस तीव्र धारामें जाकर होनी थी, जहाँ मृत्यु हो जाना सर्वथा निश्चित था। इस जीवन-मरणके बीच मैंने निरुपाय होकर जगज्जननी कामाख्याको पुकारा

'माँ! जीवन और मरण आपका ही लीलाविलास है, किंतु मैं अभी मरना नहीं चाहता। बाकी जैसी आपकी मरजी।' अब गिरा तब गिराकी स्थितिमें मैंने भयवश अपनी आँखें मूँद लीं और लुढ़कता रहा। एकाएक मेरा शरीर एक छोटी-सी शिलामें तिरछा होकर फँस गया। मेँ धारासे अधिकतम दो कदमकी दूरीपर पड़ा था। मेरी आँखोंके ठीक सामने ब्रह्मपुत्रकी हरहराती वेगमयी धारा थी, जिससे समुद्र जैसी गर्जना करती ऊँची-ऊँची लहरें उठ रही थीं और उछलती हुई बड़ी-बड़ी मछलियाँकलेजेको कँपा रही थीं। शरीरके तनिक सीधा होते ही मेरी जलसमाधिका होना सुनिश्चित था । वहाँ मेरे अलावा कोई और व्यक्ति भी नहीं था, जिससे कुछ सहायता प्राप्त होती। लुढ़कनेके कारण मेरे कपड़े तार तार हो चुके थे, शरीर खूनसे लथपथ था, रोम-रोम पीड़ासे व्याकुल था। मैं जीवनकी आशा खो चुका था।

इस दयनीय दशामें मुझे पुनः उन सर्वशक्तिमयी माता कामाख्याका सहारा मिला। भयसे काँपता हुआ मैं रेंगते-रेंगते किसी प्रकार पहाड़की चोटीपर जा पहुँचा। थोड़ी देर निढाल लेटा रहा, जब कुछ आश्वस्त हुआ तो पुनः उन कृपामयी कामाख्याके मन्दिरमें उपस्थित हुआ। वहाँ उनको बारम्बार प्रणाम करके, उनकी महिमाका अनुभव करता हुआ जजफील्ड ग्राउण्ड (प्रदर्शनीका स्थान) लौट आया।

[ श्रीब्रजेशजी वाजपेयी 'गणेश' ]



You may also like these:

Real Life Experience प्रभु दर्शन


maan kaamaakhyaakee kripaase praanarakshaa

yah ghatana san 2000 ee0 kee hai. main hathakaragha pradarshaneeke sahakarmeeke roopamen gauhaatee gaya thaa. kuchh din kaam karaneke baad sthaaneey logonse jnaat hua ki sameep hee kaamaroopaparvatapar maata kaamaakhyaaka vishvavikhyaat shaktipeeth hai. agale din avakaash tha, atah manamen darshanaka sankalp lekar main kaamaroopake liye chal pada़aa. darshana-poojanake baad mainne us sthaanase sambandhit jaanakaariyaan pande-pujaariyon evan sthaaneey logonse leneka prayatn kiyaa. un logonse ek baat pata chalee ki mandiraaaneke liye mukhy maargake atirikt ek pagadandee maarg bhee hain, jo beechamen do raastonmen bant jaata hai. ek raasta mandirakee or jaata hai aur doosara brahmaputrakee or chala jaata hai. us raastese jaakar parvatashikharake ooparase brahmaputraka drishy bada़a hee manoram evan darshaneey hai.

main apane kautoohalako rok n paaya aur us durgam pahaada़ee raastepar chal pada़aa. kuchh door chalaneke baad brahmaputrakee dhaara dikhaayee dene lagee. main us nayanaabhiraam drishyako dekhata hua pahaada़eese dheere-dheere neeche utaranelaga . drishy dekhane men magn honeke kaaran sahasa mera santulan bigada़ gaya aur main phisalakar ludha़kane lagaa. main lagaataar ludha़k raha tha aur isakee samaapti brahmaputrakee us teevr dhaaraamen jaakar honee thee, jahaan mrityu ho jaana sarvatha nishchit thaa. is jeevana-maranake beech mainne nirupaay hokar jagajjananee kaamaakhyaako pukaaraa

'maan! jeevan aur maran aapaka hee leelaavilaas hai, kintu main abhee marana naheen chaahataa. baakee jaisee aapakee marajee.' ab gira tab giraakee sthitimen mainne bhayavash apanee aankhen moond leen aur ludha़kata rahaa. ekaaek mera shareer ek chhotee-see shilaamen tirachha hokar phans gayaa. men dhaaraase adhikatam do kadamakee dooreepar pada़a thaa. meree aankhonke theek saamane brahmaputrakee haraharaatee vegamayee dhaara thee, jisase samudr jaisee garjana karatee oonchee-oonchee laharen uth rahee theen aur uchhalatee huee bada़ee-bada़ee machhaliyaankalejeko kanpa rahee theen. shareerake tanik seedha hote hee meree jalasamaadhika hona sunishchit tha . vahaan mere alaava koee aur vyakti bhee naheen tha, jisase kuchh sahaayata praapt hotee. ludha़kaneke kaaran mere kapada़e taar taar ho chuke the, shareer khoonase lathapath tha, roma-rom peeda़aase vyaakul thaa. main jeevanakee aasha kho chuka thaa.

is dayaneey dashaamen mujhe punah un sarvashaktimayee maata kaamaakhyaaka sahaara milaa. bhayase kaanpata hua main rengate-rengate kisee prakaar pahaada़kee choteepar ja pahunchaa. thoda़ee der nidhaal leta raha, jab kuchh aashvast hua to punah un kripaamayee kaamaakhyaake mandiramen upasthit huaa. vahaan unako baarambaar pranaam karake, unakee mahimaaka anubhav karata hua jajapheeld graaund (pradarshaneeka sthaana) laut aayaa.

[ shreebrajeshajee vaajapeyee 'ganesha' ]

55 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome PainThe Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON



Bhajan Lyrics View All

कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना

New Bhajan Lyrics View All

आजा आजा रे भवानी तेरी याद आई,
हे महारानी तेरी याद आई,
तुम भक्तों की सुन लो पुकार,
तेरी प्यारी सी है मुस्कान,
ईंट ईंट पे जय श्री राम,
का नाम लिखाएंगे,
मत प्रेम करो इस काया से
एक दिन तो दगा दे जाएगी
तारीफ मेरी करती है दुनिया अपने वतन की
बीएसएफ आर्मी वायुसेना नेवी भी गाती है