⮪ All भगवान की कृपा Experiences

जैसी करनी वैसा फल

गत वर्ष दिनांक २६ दिसम्बर २००८ ई० को मेरे गाँव मकरन्दपुरा, जनपद-जालौनके मेरे पूर्वजोंद्वारा बनवाये गये रघुवीर जानकी मन्दिरसे भगवान् श्रीराम, माँ जानकी, शेषावतार लक्ष्मणजीकी लगभग २.२ फुट ऊँची अष्टधातुकी भव्य मूर्तियाँ चोर चुरा ले गये। पुलिस उपनिरीक्षक दो सिपाहियोंके साथ मकरन्दपुरा ग्राममें डेरा डाले पड़े रहे। मिलनेपर कहते, 'रामजी तो आयेंगे, हनुमान्जी ही लायेंगे।' श्रीहनुमान्जीको चोर चुराकर नहीं ले जा सके थे। लगभग ३० किलोग्रामकी श्रीहनुमान्जीकी मूर्ति पुलिसने हमें सौंप दी थी।

हमलोग सोते-जागते श्रीहनुमान्जीसे प्रार्थना करते 'हे प्रभो! तुमने सीतामाताकी खोज की थी, अब उनके पति और देवरको भी खोज लाओ।' प्रायः घरके सभी सदस्य बजरंगबलीसे प्रार्थना करते, कानूनी कार्यवाही करते, गाँवोंमें खेतोंकी खाक छानते और मूर्तियोंको खोजनेका प्रयास करते। मेरे पाँच पुत्र, पुत्रवधुएँ, पुत्री और पत्नीमन्दिरमें बैठकर मूर्तियाँ प्राप्त करनेकी प्रार्थना करते रहे। अन्ततोगत्वा मुझे १३ जनवरीको दूरभाषपर सूचना मिली कि मूर्तियाँ बरामद हो गयी हैं और जालौन थानेके मालखाने में बन्द हैं।

कुछ पत्रकारोंके साथ मैं थाने पहुँचा। थानाध्यक्षने । मूर्तियाँ दिखला तो दीं, पर वापस करनेके लिये मना कर दिया। अगले दिन ही उनका स्थानान्तरण हो गया, वे 5 बोरिया-बिस्तर बाँधकर ५०० किलोमीटर दूर भेज दिये गये। चोरीमें पकड़े गये चोरको राजनीतिके चलते छुड़ा तो लिया गया, किंतु गाँव जाते समय बस उसकी छातीसे निकल गयी। उसकी वहीं मौत हो गयी। पता चला था कि उसने ही श्रीरामजीकी मूर्तिको छातीसे उखाड़ा था।

१३ जनवरी २००९ ई० से १७ फरवरी २००९ ई० तक बराबर प्रार्थना और प्रयासरत रहनेपर भी मूर्तियाँ 1 पानेमें असफल रहनेके बाद १७-१८ फरवरी २००९ ई० को जब तीव्र बुखारमें पड़ा मैं रो रहा था, तभीलगभग डेढ़ बजे रातमें वे ही पुलिस उपनिरीक्षक तीन पुलिस - सिपाहियोंके साथ द्वार खटखटाने लगे। भय हुआ कि कहीं डाकू न हों, वे सब चिल्ला रहे थे 'द्वार खोलो, हम पुलिसवाले हैं।'

आखिर हमने फाटक खोल दिया। तीनों सिपाही कम्बलोंमें कुछ लपेटे, सीनेसे लगाये मेरे साधना अध्ययनकक्षमें घुस आये और समादरसहित तीनों मूर्तियाँ मेरे सोफेपर लिटा दीं। पुलिस उपनिरीक्षकजीने गद्गद स्वरमें कहा—'मुझे कई रातोंसे भारी डाँट पड़ती थी । कहा जाता था, मूर्तियाँ दे आओ वरना तुम्हारा भी नाश हो जायगा। आज रात तो मुझे किसीने बाँह पकड़करउठाया और कहा जाओ, अभी जाओ, वरना । मैंने जीप निकाली। सिपाही साथ लिये। सम्मानसहित मूर्तियोंको मालखानेसे निकाला और आपकी सेवामें आ गया। कृपया मुझे श्रीहनुमान्जीकी मूर्तिके दर्शन करवा दीजिये। मैं उन्हें प्रणाम कर लूँ, तब मेरा भय जायगा। वे मुझे अवश्य क्षमा कर देंगे।'

उन्होंने श्रीहनुमान्जीको प्रणाम किया और मेरी पत्नीके हाथों में मूर्तियाँ देकर आँसू पोंछते चले गये। इस प्रकार श्रीरामजी, जानकीजी और लक्ष्मणजी लौट आये। उन्हें लानेवाले श्रीहनुमान्जीको शत-शत प्रणाम !

[ श्रीराधेश्यामजी योगी ]



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jaisee karanee vaisa phala

gat varsh dinaank 26 disambar 2008 ee0 ko mere gaanv makarandapura, janapada-jaalaunake mere poorvajondvaara banavaaye gaye raghuveer jaanakee mandirase bhagavaan shreeraam, maan jaanakee, sheshaavataar lakshmanajeekee lagabhag 2.2 phut oonchee ashtadhaatukee bhavy moortiyaan chor chura le gaye. pulis upanireekshak do sipaahiyonke saath makarandapura graamamen dera daale pada़e rahe. milanepar kahate, 'raamajee to aayenge, hanumaanjee hee laayenge.' shreehanumaanjeeko chor churaakar naheen le ja sake the. lagabhag 30 kilograamakee shreehanumaanjeekee moorti pulisane hamen saunp dee thee.

hamalog sote-jaagate shreehanumaanjeese praarthana karate 'he prabho! tumane seetaamaataakee khoj kee thee, ab unake pati aur devarako bhee khoj laao.' praayah gharake sabhee sadasy bajarangabaleese praarthana karate, kaanoonee kaaryavaahee karate, gaanvonmen khetonkee khaak chhaanate aur moortiyonko khojaneka prayaas karate. mere paanch putr, putravadhuen, putree aur patneemandiramen baithakar moortiyaan praapt karanekee praarthana karate rahe. antatogatva mujhe 13 janavareeko doorabhaashapar soochana milee ki moortiyaan baraamad ho gayee hain aur jaalaun thaaneke maalakhaane men band hain.

kuchh patrakaaronke saath main thaane pahunchaa. thaanaadhyakshane . moortiyaan dikhala to deen, par vaapas karaneke liye mana kar diyaa. agale din hee unaka sthaanaantaran ho gaya, ve 5 boriyaa-bistar baandhakar 500 kilomeetar door bhej diye gaye. choreemen pakada़e gaye chorako raajaneetike chalate chhuda़a to liya gaya, kintu gaanv jaate samay bas usakee chhaateese nikal gayee. usakee vaheen maut ho gayee. pata chala tha ki usane hee shreeraamajeekee moortiko chhaateese ukhaada़a thaa.

13 janavaree 2009 ee0 se 17 pharavaree 2009 ee0 tak baraabar praarthana aur prayaasarat rahanepar bhee moortiyaan 1 paanemen asaphal rahaneke baad 17-18 pharavaree 2009 ee0 ko jab teevr bukhaaramen pada़a main ro raha tha, tabheelagabhag dedha़ baje raatamen ve hee pulis upanireekshak teen pulis - sipaahiyonke saath dvaar khatakhataane lage. bhay hua ki kaheen daakoo n hon, ve sab chilla rahe the 'dvaar kholo, ham pulisavaale hain.'

aakhir hamane phaatak khol diyaa. teenon sipaahee kambalonmen kuchh lapete, seenese lagaaye mere saadhana adhyayanakakshamen ghus aaye aur samaadarasahit teenon moortiyaan mere sophepar lita deen. pulis upanireekshakajeene gadgad svaramen kahaa—'mujhe kaee raatonse bhaaree daant pada़tee thee . kaha jaata tha, moortiyaan de aao varana tumhaara bhee naash ho jaayagaa. aaj raat to mujhe kiseene baanh pakada़karauthaaya aur kaha jaao, abhee jaao, varana . mainne jeep nikaalee. sipaahee saath liye. sammaanasahit moortiyonko maalakhaanese nikaala aur aapakee sevaamen a gayaa. kripaya mujhe shreehanumaanjeekee moortike darshan karava deejiye. main unhen pranaam kar loon, tab mera bhay jaayagaa. ve mujhe avashy kshama kar denge.'

unhonne shreehanumaanjeeko pranaam kiya aur meree patneeke haathon men moortiyaan dekar aansoo ponchhate chale gaye. is prakaar shreeraamajee, jaanakeejee aur lakshmanajee laut aaye. unhen laanevaale shreehanumaanjeeko shata-shat pranaam !

[ shreeraadheshyaamajee yogee ]

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