⮪ All भगवान की कृपा Experiences

कृपानुभूति किसे होती है

मलय पवनके लगनेसे जिन पेड़ोंमें कुछ सार है, वे सब चन्दन बन जाते हैं; परंतु बाँस, केला आदि साररहित वृक्षोंपर कुछ असर नहीं होता। इसी तरह, भगवत्कृपा पाकर, जिनमें कुछ सार है, वे तो तत्काल सद्भावसे परिपूर्ण हो जाते हैं, किंतु सारहीन विषयासक्त मनुष्यका सहजमें कुछ नहीं होता। एक भक्त बहुत जप किया करता था। श्रीरामकृष्णने उससे कहा, 'तुम एक ही जगह क्यों अड़े हो ? आगे बढ़ो!' इसपर भक्तने कहा, 'यह तो उनकी कृपाके बिना नहीं हो सकता।' तब श्रीरामकृष्ण बोले, 'उनका कृपारूपी पवन तो दिनरात बह ही रहा है। भवसागर पार करना हो तो अपनी नावका पाल तान दो ।'

भगवत्कृपाका पवन सदा बह रहा है। आलसी लोग उसका सदुपयोग नहीं करते। परंतु जो उद्यमशील होते हैं, वे अपनी नौकाका पाल फहराकर आसानीसे पार हो जाते हैं। [ श्रीरामकृष्ण परमहंस ]



You may also like these:

Real Life Experience प्रभुकृपा


kripaanubhooti kise hotee hai

malay pavanake laganese jin peda़onmen kuchh saar hai, ve sab chandan ban jaate hain; parantu baans, kela aadi saararahit vrikshonpar kuchh asar naheen hotaa. isee tarah, bhagavatkripa paakar, jinamen kuchh saar hai, ve to tatkaal sadbhaavase paripoorn ho jaate hain, kintu saaraheen vishayaasakt manushyaka sahajamen kuchh naheen hotaa. ek bhakt bahut jap kiya karata thaa. shreeraamakrishnane usase kaha, 'tum ek hee jagah kyon aड़e ho ? aage badha़o!' isapar bhaktane kaha, 'yah to unakee kripaake bina naheen ho sakataa.' tab shreeraamakrishn bole, 'unaka kripaaroopee pavan to dinaraat bah hee raha hai. bhavasaagar paar karana ho to apanee naavaka paal taan do .'

bhagavatkripaaka pavan sada bah raha hai. aalasee log usaka sadupayog naheen karate. parantu jo udyamasheel hote hain, ve apanee naukaaka paal phaharaakar aasaaneese paar ho jaate hain. [ shreeraamakrishn paramahans ]

144 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For GodHow To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy PeopleWhy Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]



Bhajan Lyrics View All

वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो

New Bhajan Lyrics View All

शिव शिव शिव शिव बोलो मेरे भैया,
गंग  शीश शशि नाग धरैया,
दर दर की माँ खा के ठोकर तेरे दर पर आई
रहमत कर माँ चरणों में रख ले जग की मैं
भक्तों की भीड़ है अपार भोले जी के
भोले जी के मंदिर में शंकर जी के मंदिर
हमें रास्तों की जरूरत नहीं है,
हमें तेरे चरणों के निशांन मिल गये हैं,
पर्वत पर कुटिया बनाई रे भोले बाबा
बाबा तुमने भोले बाबा तुमने,