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मधु गोस्वामी की मार्मिक कथा
मधु गोस्वामी की अधबुत कहानी - Full Story of मधु गोस्वामी (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [मधु गोस्वामी]- भक्तमाल


मधु गोस्वामीका जन्म वङ्ग देशमें हुआ था। बचपनमें भी खेल खेलते समय उन्हें भगवान्‌की लीलाका सरस स्मरण हो जाया करता था। उनके नयन श्यामसुन्दरकी अभिराम और मोहिनी झाँकी देखनेके लिये विकल हो उठते थे। यौवनके प्रथम कक्षमें चरण रखते ही भगवान् और उनके व्रजका विरह वे बहुत दिनोंतक नहीं सह सके। वृन्दावनके लिये चल पड़े। मधु गोस्वामी वृन्दावन पहुँच गये। उन्होंने श्यामवर्णवाली कालिन्दीके जलमें खड़े होकर नियम लिया कि 'जबतक वंशीवट-तटपर नित्य रास करनेवाले प्राणदेवता मदनमोहन दर्शन नहीं देंगे तबतक अन्न-जल कुछ भी नहीं ग्रहण करूँगा।' वृन्दावनके कुञ्ज झूम उठे, उनमें मस्ती छा गयी। नागरिकों, संतों और भक्तोंनेमस्तकपर उनकी चरण-धूलि चढ़ायी। विहारीजीका सिंहासन हिल उठा, वंशीवटकी पवित्र रेतीमें राधारमणने मधु गोस्वामीको दर्शन दिये। सामने श्यामसुन्दर खड़े हैं। मयूरपिच्छका मुकुट लोक-लोकान्तरका वैभव समेटकर उनके पीताम्बरपर जो ऐश्वर्य बिखेर रहा था, ब्रह्माकी लेखनी उसकी कल्पना भी नहीं कर पाती। उनके श्याम-अङ्गका प्रतिबिम्ब यमुनाने अपने अङ्कमें भर लिया। समीर मन्द मन्द गतिसे प्रवाहित होकर सलोनी और कोमल लताओंकी नमनशीलतासे उनके चरण स्पर्श करने लगा। प्रभु वंशी बजा रहे हैं। मधु गोस्वामी निहाल हो गये, भक्तने अपनेको उनके सुरमुनिदुर्लभ पदपङ्कजपर निछावर कर दिया। व्रज मधु गोस्वामीकी जयध्वनिसे धन्य हो उठा।



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madhu gosvaameeka janm vang deshamen hua thaa. bachapanamen bhee khel khelate samay unhen bhagavaan‌kee leelaaka saras smaran ho jaaya karata thaa. unake nayan shyaamasundarakee abhiraam aur mohinee jhaankee dekhaneke liye vikal ho uthate the. yauvanake pratham kakshamen charan rakhate hee bhagavaan aur unake vrajaka virah ve bahut dinontak naheen sah sake. vrindaavanake liye chal pada़e. madhu gosvaamee vrindaavan pahunch gaye. unhonne shyaamavarnavaalee kaalindeeke jalamen khada़e hokar niyam liya ki 'jabatak vansheevata-tatapar nity raas karanevaale praanadevata madanamohan darshan naheen denge tabatak anna-jal kuchh bhee naheen grahan karoongaa.' vrindaavanake kunj jhoom uthe, unamen mastee chha gayee. naagarikon, santon aur bhaktonnemastakapar unakee charana-dhooli chadha़aayee. vihaareejeeka sinhaasan hil utha, vansheevatakee pavitr reteemen raadhaaramanane madhu gosvaameeko darshan diye. saamane shyaamasundar khada़e hain. mayoorapichchhaka mukut loka-lokaantaraka vaibhav sametakar unake peetaambarapar jo aishvary bikher raha tha, brahmaakee lekhanee usakee kalpana bhee naheen kar paatee. unake shyaama-angaka pratibimb yamunaane apane ankamen bhar liyaa. sameer mand mand gatise pravaahit hokar salonee aur komal lataaonkee namanasheelataase unake charan sparsh karane lagaa. prabhu vanshee baja rahe hain. madhu gosvaamee nihaal ho gaye, bhaktane apaneko unake suramunidurlabh padapankajapar nichhaavar kar diyaa. vraj madhu gosvaameekee jayadhvanise dhany ho uthaa.

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सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
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ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
साँवरिया ऐसी तान सुना,
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बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
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आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
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तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
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