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Shri Govind Bhargav ji at Jaipur on Sharad Purnima 26th October, 2015

Jai Pur on 26-10-2015 Bhajan Sandhya By Sh. Govind Bhargav Ji P-1.

Jai Pur on 26-10-2015 Bhajan by Sh. Govind Bhargav Ji P-2

GM3

GM4

GM5

GM6

GM7

GM9

GM10

GM11

GM12

GM13

Soja re lal soja ... Lori by Shri Govind Bhargav ji at Jaipur 26.10.2015

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Jai Pur on 26-10-2015 Bhajan Sandhya By Sh. Govind Bhargav Ji P-1.
Jai Pur on 26-10-2015 Bhajan by Sh. Govind Bhargav Ji P-2
GM3
GM4
GM5
GM6
GM7
GM8
GM9
GM10
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Soja re lal soja ... Lori by Shri Govind Bhargav ji at Jaipur 26.10.2015

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ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं

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शिरडीवाले साई बाबा,
तेरा पावन नाम कितना महान,
\माँ गौरा सारी दुनियां, मनावे तेरे लाल
मनावे तेरे लाल को, पूजे तेरे लाल को
जन्म मथुरा में लोगे कन्हैया,
तुम्हें गोकुल में आना पड़ेगा...
सतगुरु नानक मेहर करो,
हे जग पालक मेहर करो,
कैसे कैसे खेल तेरे,
और कैसी तेरी माया है,