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सीख अनसूया सीता को देने लगी,
पैदा होती है नारी पति के लिए...

सीख अनसूया सीता को देने लगी,
पैदा होती है नारी पति के लिए...


प्रथम नारी तो वह है सुनो जानकी,
सपने में भी पराया पति ना तके,
जो समझती हैं पति को ही विष्णु महेश,
सीख अनुसूया...

मध्यम नारी तो वह है सुनो जानकी,
भाई बेटा समझकर निहारा करें,
धर्म नारी का जग में समझती रहे,
दीप जलता रहे रोशनी के लिए,
सीख अनुसुइया...

नीच नारी की अब तुम कहानी सुनो,
पति के होते हुए पर पुरुष को तके,
उसकी कीमत है वेश्या से कुछ कम नहीं,
वेद कहते यही नारी के लिए,
सीख अनुसुइया...

धर्म लाखों करें पर नर्क में पड़े,
भरी जवानी में विधवा व होती रहे,
तुम तो प्यारी हो सीता श्री राम की,
यह कहानी है जग नारियों के लिए,
सीख अनुसुइया...

सीख अनसूया सीता को देने लगी,
पैदा होती है नारी पति के लिए...




seekh anasooya seeta ko dene lagi,
paida hoti hai naari pati ke lie...

seekh anasooya seeta ko dene lagi,
paida hoti hai naari pati ke lie...


prtham naari to vah hai suno jaanaki,
sapane me bhi paraaya pati na take,
jo samjhati hain pati ko hi vishnu mahesh,
seekh anusooyaa...

mdhayam naari to vah hai suno jaanaki,
bhaai beta samjhakar nihaara karen,
dharm naari ka jag me samjhati rahe,
deep jalata rahe roshani ke lie,
seekh anusuiyaa...

neech naari ki ab tum kahaani suno,
pati ke hote hue par purush ko take,
usaki keemat hai veshya se kuchh kam nahi,
ved kahate yahi naari ke lie,
seekh anusuiyaa...

dharm laakhon karen par nark me pade,
bhari javaani me vidhava v hoti rahe,
tum to pyaari ho seeta shri ram ki,
yah kahaani hai jag naariyon ke lie,
seekh anusuiyaa...

seekh anasooya seeta ko dene lagi,
paida hoti hai naari pati ke lie...




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