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आ गई है मैया गली गली में शोर,
मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...

आ गई है मैया गली गली में शोर,
मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...


इधर घूमाए चाहे उधर घूमाए,
जिस ओर चाहे मैया मुझको नचाए,
नाच रही मैं ऐसे जैसे बन में नाचे मोर,
मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...

जिससे भी चाहे मैया पैच लड़ाए,
पास बुलाए चाहे दूर भगाएं,
कटु या वापस आऊ मेरा चले ना कोई जोर,
मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...

रंग बिरंगी मां ने मुझको बनाया,
सुख और दुख का है मेल कराया,
मां के हाथ में डोरी वह ले ले जिसकी ओर,
मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...

दूर गगन में मैं तो उड़ती ही जाऊं,
डर लगता है कहीं कट नहीं जाऊं,
रास्ता नहीं सूझे चहू नीला घनघोर,
मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...

आ गई है मैया गली गली में शोर,
मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...




a gi hai maiya gali gali me shor,
mainbani patang meri maiya ban gi dor...

a gi hai maiya gali gali me shor,
mainbani patang meri maiya ban gi dor...


idhar ghoomaae chaahe udhar ghoomaae,
jis or chaahe maiya mujhako nchaae,
naach rahi mainaise jaise ban me naache mor,
mainbani patang meri maiya ban gi dor...

jisase bhi chaahe maiya paich ladaae,
paas bulaae chaahe door bhagaaen,
katu ya vaapas aaoo mera chale na koi jor,
mainbani patang meri maiya ban gi dor...

rang birangi maan ne mujhako banaaya,
sukh aur dukh ka hai mel karaaya,
maan ke haath me dori vah le le jisaki or,
mainbani patang meri maiya ban gi dor...

door gagan me mainto udati hi jaaoon,
dar lagata hai kaheen kat nahi jaaoon,
raasta nahi soojhe chahoo neela ghanghor,
mainbani patang meri maiya ban gi dor...

a gi hai maiya gali gali me shor,
mainbani patang meri maiya ban gi dor...




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