Shri Ram Katha by Shri Rajendra Das Ji Maharaj in March 2015 At Tikamgarh , M.P
Contents of this list:
A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCONKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
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हारे का तू ही सहारा है,
तू बाबा श्याम हमारा है,
राधा रानी से मिलना बहुत जरुरी,
मिलना बड़ा जरुरी, मुझे मिलना बड़ा
मेरे जोगी दे दरबार तो,
मंग लो मुरादां मंग लो,
तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना,
के मै तो उठाने काबिल नही हुँ,
मेरे प्यारे कान्हा तू मेरा चित्तचोर,
हिवड़े माहि बस रयो बन कालजे की कोर...