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ALL 9 DAYS Ram Katha [Manas Parmarath] By Morari BapuAt Rishikesh in June, 2015

Ram Katha Morari Bapu 758 Day 3 Manas Parmarath Rishikesh June 2015

Ram Katha Morari Bapu 758 Day 4 Manas Parmarath Rishikesh June 2015

Ram Katha Morari Bapu 758 Day 6 Manas Parmarath Rishikesh June 2015

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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?How To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti



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नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ

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सोहनी ममता दी ठंडी ठंडी छा मिल गी,
साहणु जदों दी डाट काली माँ मिल गई॥
मोरछड़ी बाबा मोरछड़ी,
सर पे घुमा दो मोरछड़ी,
गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी...
जटा में गंगा, गल में नाग है,
रहता भोले तू कैलाश है,
गोविन्द हरे, गोपाल हरे, जय केशव माधव,
गोविन्द, गोविन्द, गोपाला, गोविन्द,