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Nandgaon, Sirohi (29 October 2014) | Gargsahinta Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

brijbhoomi 2

MERO BYAH KARADE O MAIYA BY KS JIBBI JANMASTMI NAGLA BATTU MEERUT

Maiya Mero Byah Kary Dijo

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Nandgaon, Sirohi (29 October 2014) | Gargsahinta Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj
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MERO BYAH KARADE O MAIYA BY KS JIBBI JANMASTMI NAGLA BATTU MEERUT
Maiya Mero Byah Kary Dijo
Banke Bihari मुझको देना सहारा || New Krishna Bhajan 2015 || Sadhvi Purnima Ji #Bhaktibhajan

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बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे

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नाथ तूँ आ, ,
हे नाथ, तूँ आजा एक बार ,
नटवर नंद किशोर बताओ कब आओगे...
सांवलिये तेरा मुझको,
दीदार हो जाए,
आओ आओ गजानन आओ,
आके भक्तों का मान बढ़ाओ
धुन: ज़रा सामने तो आ ओ छलिये